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15 Mothers in Hinduism: इन 15 महिलाओं को माँ क्यों मानना चाहिए?

15 Mothers in Hinduism: हिंदू धर्म में महिलाओं के सम्मान का विशेष ध्यान रखा जाता है। अनेक ग्रंथों व पुराणों में भी स्त्रियों के मान-सम्मान की बात कही गई है। ये भी लिखा है कि जिस घर में स्त्रियां खुशी से रहती हैं, वहां देवता निवास करते हैं। पुराणों में अपनी मां के अलावा 15 अन्य महिलाओं के बारे में बताया गया है, जिन्हें मां के समान ही मानना चाहिए और आदर करना चाहिए। आगे जानिए कौन हैं ये 15 महिलाएं…

15 Mothers in Hinduism

श्लोक

स्तनदायी गर्भधात्री भक्ष्यदात्री गुरुप्रिया।
अभीष्टदेवपत्नी च पितु: पत्नी च कन्यका।।
सगर्भजा या भगिनी पुत्रपत्त्नी प्रियाप्रसू:।
मातुर्माता पितुर्माता सोदरस्य प्रिया तथा।।
मातु: पितुश्र्च भगिनी मातुलानी तथैव च।
जनानां वेदविहिता मातर: षोडश स्मृता:।।

15 Mothers in Hinduism

15 Mothers in Hinduism: इस श्लोक में बताई गई 15 स्त्रियां —

15 Mothers in Hinduism

1. मां के अलावा भी अगर कोई महिला हमें दूध पिलाएं तो उसे भी माता के समान भी मानना चाहिए।
2. गर्भधारण करने वाली जिसे हम सरोगेट मदर भी बोल सकते हैं। इसे भी मां के समान आदर देना चाहिए।
3. भोजन देने वाली स्त्री को मां के समान मानना चाहिए क्योंकि उसके द्वारा दिए गए भोजन से ही हमारे शरीर का पोषण होता है।
4. गुरुमाता यानी गुरु की पत्नी को भी मां ही समझना चाहिए।
5. धर्म ग्रंथों के अनुसार पिता की पत्नी यानी सौतेली मां को भी अपनी माता ही समझना चाहिए, उसमें भेद नहीं करना चाहिए।
6. धर्म ग्रंथों के अनुसार, पितृकन्या यानी अपनी सगी बहन के अलावा सौतेली बहन को भी मां के समान ही समझना चाहिए।
7. पुत्रवधू यानी पुत्र की पत्नी को भी मां ही समझना चाहिए क्योंकि बुढ़ापे में वो ही हमारी मां के समान देखभाल करती है।
8. सासु यानी पत्नी की मां और नानी व दादी को भी अपनी माता के समान ही आदर करना चाहिए।
9. भाई की पत्नी यानी भाभी को भी मां ही समझना चाहिए।
10. मौसी, बुआ और मामी, इन तीनों भी हमें पुत्र के समान प्रेम करती हैं, इसलिए इन्हें भी मां ही समझना चाहिए।

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