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गजब ! कुम्भ में रोजाना 50 लाख लोग खाएंगे मुफ्त खाना

कुम्भनगर से प्रियांशु द्विवेदी की रिपोर्ट –

हमारे देश में किसी भूखे को खाना खिलाना सबसे पड़ा पुण्य माना जाता है। धार्मिक आयोजनों में भंडारे में लोग बड़ी श्रद्धा और सम्मान से लोगों को बुला बुला कर भोजन कराते हैं। अन्न का दान सबसे पुण्य होता है इसलिए कुंभ क्षेत्र के हर कोने में निःशुल्क भोजन की व्यवस्था धार्मिक सामाजिक संस्थाएं करती है। धार्मिक सामाजिक संस्थाएं इस कार्य में आगे आती हैं। महाकुंभ क्षेत्र में मौजूद 850 खालसे इसके लिए सबसे आगे रहते हैं जहां चौबीस घंटे लंगर चलता है।

प्रयागराज महाकुंभ में संगम किनारे बसाए गए अस्थाई जिले महाकुंभ नगर में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोएगा। यहां आने वाले लाखों लोग हर दिन निःशुल्क ताजे और गर्म भोजन का आनंद लेंगे। कुंभ मेला प्रशासन और धार्मिक सामाजिक संस्थाएं यह जिम्मेदारी उठाएंगी।

13 जनवरी से प्रयागराज में आयोजित हो रहा है। यहां रोज 50 लाख लोगों के पहुंचने का अनुमान है। इतनी बड़ी संख्या के बावजूद महाकुंभ में कोई भूखा नहीं रहेगा। अपर कुंभ मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी का कहना है कि महाकुंभ में बड़ी संख्या में धार्मिक संगठन स्वेच्छा से सभी को निशुल्क भोजन उपलब्ध कराते रहे हैं।अतीत में, धार्मिक संस्थाओं ने लाखों भक्तों को निशुल्क भोजन परोसा है, और इस साल का कुंभ भी इससे अलग नहीं होगा।सेवा आश्रम और सैकड़ों अन्य संगठनों ने गंगा में पवित्र स्नान करने वाले भक्तों के लिए भोजन उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है।

कुंभ क्षेत्र के हर सेक्टर में उपलब्ध होगा निशुल्क भोजन

कुंभ क्षेत्र के हर कोने में निःशुल्क भोजन की व्यवस्था धार्मिक सामाजिक संस्थाएं करती है। धार्मिक सामाजिक संस्थाएं इस कार्य में आगे आती हैं ।महाकुंभ क्षेत्र में मौजूद 850 खालसे इसके लिए सबसे आगे रहते हैं जहां चौबीस घंटे लंगर चलता है। अक्षय पात्र फाउंडेशन और हरे कृष्ण मूवमेंट दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम के मेजबान शहर प्रयागराज में विशाल मोबाइल रसोई, खाना पकाने के बर्तन और बर्तन भेज रहे हैं।

अक्षय पात्र फाउंडेशन के जनसंपर्क प्रमुख स्वामी अनंत वीर्य दास का कहना है कि “हम मोबाइल रसोई के माध्यम से परेड ग्राउंड के पास लगभग 10,000 तीर्थयात्रियों को स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराएंगे। इसी तरह ऋषिकेश में परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष और आध्यात्मिक प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती बताते हैं बताते हैं कि, “हमारा शिविर नैनी रोड पर अरैल घाट पर होगा। हम एक बड़ा अन्न क्षेत्र स्थापित करेंगे, जहाँ हमारे कार्यकर्ता भोजन पकाएँगे और परोसेंगे।

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