उत्तर प्रदेशप्रयागराज

सोमवार को 2 लाख 11 हजार पार्थिव शिवलिंग निर्माण, पूजा- अर्चना एवं अभिषेक का भव्य आयोजन

महाकुम्भ नगर ०९ फरवरी
बीके यादव/बालजी दैनिक

महाकुंभ में सेक्टर 17 स्थित शांति सेवा शिविर में श्री देवकीनंदन ठाकुर जी के सानिध्य में निरंतर तीन दिव्य कथाओं का आयोजन किया गया। इन कथाओं में श्रीमद्भागवत कथा, श्री राम कथा और श्री शिवमहापुराण कथा शामिल हैं। इसके अलावा, 27 जनवरी को शिविर में भव्य चतुर्थ सनातन धर्म संसद का आयोजन किया गया।

महाकुंभ में देवकीनंदन जी के सानिध्य में आयोजित 11 लाख पार्थिव शिवलिंग निर्माण एवं श्री शिवमहापुराण कथा के चतुर्थ दिवस पर, 1 लाख 81 हजार पार्थिव शिवलिंग का निर्माण, संकल्प और अभिषेक किया गया। इस पवित्र अनुष्ठान में बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लिया, और सुबह 8 बजे से पार्थिव शिवलिंग निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ। इसके बाद, देवकीनंदन ठाकुर जी के सानिध्य में संकल्प एवं अभिषेक किया गया।

आगामी पंचम दिवस, यानि सोमवार को, 2 लाख 11 हजार पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण किया जाएगा। यह कार्य सुबह 8 बजे से शुरू होगा और दोपहर 12 बजे से संकल्प पूजा-अर्चना और अभिषेक किया जाएगा।

देवकीनंदन ठाकुर जी अगले दो दिन महाकुंभ में उपस्थित रहेंगे। इस दौरान ठाकुर जी सुबह 10 बजे एवं शाम की कथा के बाद 5:30 से 8 बजे तक देश-विदेश से आए भक्तों से मिलते हैं और उनका मार्गदर्शन करते हैं। देवकीनंदन जी भक्तों को सनातन धर्म की महत्ता और सनातन बोर्ड की आवश्यकता के बारे में बताएंगे।

आज की कथा के दौरान देवकीनंदन ठाकुर जी ने कहा कि महाकुंभ से अब तक का सबसे बड़ा संदेश सनातन धर्म की रक्षा को लेकर दिया गया है। चतुर्थ सनातन धर्म संसद में उठाई गई सनातन बोर्ड की स्थापना की मांग अब और भी प्रबल हो चुकी है। महाराज श्री ने भक्तों से आह्वान किया कि अगर हम सभी एकजुट होकर इस मांग को पूरा विश्वास और एकता के साथ उठाएंगे, तो निश्चित ही सनातन बोर्ड का निर्माण होगा, और हमारे धर्म की सशक्त रक्षा संभव होगी।

भगवान का ध्यान और भक्ति व्यक्ति के भीतर शुद्धता और नैतिकता का संचार करती है। यदि मन में ईश्वर का वास हो, तो हर कार्य में सत्य, न्याय और धर्म की भावना रहती है, और व्यक्ति कभी भ्रष्ट नहीं हो सकता। अतः अपने मन को ईश्वर के प्रति समर्पित कर, हम जीवन में सच्चाई और अच्छाई की दिशा में बढ़ सकते हैं।

जब जीवन में दुख और समस्याएँ घेर लेती हैं, तो हमें हर बात नकारात्मक लगने लगती है। यहाँ तक कि जो बात पहले गलत लगती थी, वह भी सही प्रतीत होने लगती है। लेकिन यह स्थिति अस्थायी होती है। अगर हम अपने मन को शांति और धैर्य से नियंत्रित रखें और ईश्वर की कृपा पर विश्वास रखें, तो समय के साथ परिस्थितियाँ बदलती हैं और हर कठिनाई का समाधान मिलता है।

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