उत्तर प्रदेशप्रयागराज

“अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरं राम नारायणं पर बही भक्ति की बयार”

महाकुंभ नगर ०७ फरवरी

बीके यादव/ बालजी दैनिक

कलाग्राम के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में जमकर डुबकी लगा रहे हैं श्रद्धालु

संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सेक्टर 7 में स्थित कलाग्राम में महाकुंभ 2025 के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रख्यात गायिका डॉ. सष्मिता झा की प्रस्तुति विशेष आकर्षण का केंद्र रही। भव्य मंच पर उन्होंने अपनी मधुर आवाज से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। सुष्मिता झा ने अपने प्रसिद्ध गीतों के साथ-साथ भक्ति संगीत प्रस्तुत किए, जिससे महाकुंभ के आध्यात्मिक वातावरण में संगीत की एक नई छटा बिखरी। उनके भजनों ने श्रोताओं के दिलों को छू लिया और उन्हें एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान किया। उन्होंने गणपति स्त्रोत “अजम निर्विकल्पम, “हे जग पालक हे लक्ष्मी पति”, “अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरं राम… “जेहन किशोरी मोरी तेहने किशोर है” तथा “शिव हो उतरब पर कओन विधि” की प्रस्तुति देकर पूरे दर्शक दीर्घा को शिवमय कर दिया। कलाग्राम में आस्था और संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है, जो भारतीय सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि को प्रदर्शित कर रहा है।

कार्यक्रम की शुरूआत छत्तीसगढ़ से आए दुष्यंत द्विवेदी ने पंडवानी गायन की प्रस्तुती से की। उनके द्वारा महाभारत के प्रसंगों के साथ श्रीकृष्ण अर्जुन संवाद व द्रौपदी विवाह जैसे कई प्रसंगों को पांडवानी गायन के माध्यम से दर्शकों ह्रदय में उतारा। इसके बाद मध्य प्रदेश से आए अभिलाष चौबे एवं दल द्वारा बधाई नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों को ढोलक की थाप पर झूमाया। महाराष्ट्र से आए शेखर निरंजन भाकरे एवं दल द्वारा सोंगी भारुड नृत्य की प्रस्तुति दी गयी। जम्मू कश्मीर से आई रशिका कौल एवं दल ने कश्मीरी पंडित लोकनृत्य की प्रस्तुति दी। उत्तराखंड से आए जितेन्द्र बलोनी एवं साथी कलाकारों ने मां पार्वती द्वारा शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाने वाला नृत्य भड़िया चोफुला की प्रस्तुति देकर दर्शकों से खूब तालियां बटोरी। इसके बाद दुर्गा देवी और साथी कलाकारों द्वारा राजस्थान का प्रसिद्ध लोकनृत्य तेराताली की प्रस्तुति दी गई। पद्मश्री द्रोणा द्वारा असम का देवधानी नृत्य, पिली मेंटराजू द्वारा आंध्र प्रदेश का गरागालु नृत्य की प्रस्तुति दी। श्रीराम भारतीय कला केंद्र द्वारा रामायण पर आधारित नृत्य नाटिका की प्रस्तुति देकर दर्शकों को भाव-विभोर किया। जबकि झूंसी सांस्कृतिक मंच पर मनोज कुमार सिंह के निर्देशन में लोकनाट्य बहरुपिया का मंचन किया गया। इस अवसर पर काफी संख्या में दर्शक तथा केंद्र के प्रभारी निदेशक आशिस गिरि सहित केंद्र के समस्त अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

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