Kinnar Akhara की संत बनी एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी
कुम्भ नगर से प्रियांशु द्विवेदी की रिपोर्ट – प्रयागराज, 25 जनवरी: Kinnar Akhara: बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को लेकर खबर कुम्भ से है बताया जा रहा है कि वह संन्यासी बन गई हैं। हाल ही में उन्होंने महाकुंभ में शिरकत की जहां उन्होंने संन्यास ले लिया। 90 के दशक की सबसे मशहूर एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी संन्यासी बन गई हैं। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री छोड़ धर्म की राह अपना ली है। ममता कुलकर्णी हाल ही में प्रयागराज महाकुंभ में पहुंचीं जहां उन्होंने संन्यास की दीक्षा ली। वह इस दौरान साध्वी के रूप में दिखाई दी। गले में रुद्राक्ष, कंधे पर झोला टांगे वह भगवा रंग पहने दिखीं। वह किन्नर अखाड़े(Kinnar Akhara) में नजर आईं।
दरअसल, किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बनाई जा रही है, जिसमें पट्टाभिषेक की रस्म निभा करके एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर में पदवी दी जाएगी। उन्होंने अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से भी मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया। ममता कुलकर्णी को अब ममता नंद गिरी के नाम से जाना जाएगा।
महाकुंभ पहुंची ग्लैमर क्वीन ममता कुलकर्णी!
आस्था, भक्ति, और भव्यता के इस महापर्व महाकुंभ 2025 में हर दिन कुछ नया और अद्भुत हो रहा है। बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने इस बार महाकुंभ के अखाड़ों में साध्वी के रूप में प्रवेश किया और सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। भगवा वस्त्रों में सजी-धजी ममता कुलकर्णी का यह रूप देख श्रद्धालु आश्चर्यचकित रह गए।महाकुंभ की पवित्र धरती पर ममता ने किन्नर अखाड़े(Kinnar Akhara) की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से भेंट की। इस मुलाकात में उन्होंने संतों का आशीर्वाद लिया और कहा, “महाकुंभ में आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। यह आयोजन दिव्यता और अध्यात्म का प्रतीक है, और इसका हिस्सा बनना मेरे जीवन का यादगार अनुभव है।”
ममता कुलकर्णी ने अखाड़े में करीब एक घंटे का समय बिताया, जिसमें उन्होंने धर्म और अध्यात्म से जुड़े कई विषयों पर चर्चा की। महाकुंभ की भव्यता और उसकी गहरी spiritual significance को लेकर ममता ने कहा, “यह आयोजन भारतीय संस्कृति की गहराई को दर्शाता है और आंतरिक शांति का माध्यम भी है।”भगवा वस्त्रों में सजी ममता को देखकर श्रद्धालुओं में उत्साह की लहर दौड़ गई। लोग उनके साथ तस्वीरें खिंचवाने और सेल्फी लेने के लिए उमड़ पड़े। इस दौरान जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी जय अंबानंद गिरी ने ममता को महाकुंभ की परंपराओं और अखाड़ों की ऐतिहासिक महत्ता से अवगत कराया।