उत्तर प्रदेशगोण्डा

खनन माफियाओं के आगे बौना साबित हो रहा प्रशासन

खनन अधिकारी के कार्यशैली पर उठ रहे गंभीर सवाल

अनिल कुमार द्विवेदी
बी न्यूज दैनिक

गोण्डा । जिले में इन दिनों खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। किसानों की उपजाऊ भूमि को खनन माफिया कई फीट गड्ढे में तब्दील कर रहे हैं। खनन माफिया के आगे प्रशासनिक अधिकारी बौने साबित हो रहे हैं। हालत यह है कि कई थाना क्षेत्रों में अवैध खनन का कारोबार जारी है गोण्डा के नगर क्षेत्र में प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में ट्रालियां गुजरती है चाहे चौकि हो चाहे थाना हो खनन माफियाओं के अंदर कोई डर नही है बेझिझक फर्राटा भरकर निकलते है बिना कोई रोकटोक के जिससे साफ अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि इनके हौसले बुलंद है

हालत यह है कि कई चौकी क्षेत्रों में अवैध खनन का कारोबार जारी है। थाना कोतवाली क्षेत्र में सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रॉलियां रात के समय खनन कर फर्राटा भरती नजर आ रही हैं। ताज़ा मामला गोण्डा के सदर तहसील के अंतर्गत झंझरी ब्लाक के आगे श्री तिलक स्कूल के सामने जो रास्ता जाता है उसी पर आगे तिवारी का ताल पड़ता है उसी से दस कदम दूरी पर खनन की सारी हदें पार कर दी गयी है सरकार ने मट्टी खनन के लिए एक मानक निर्धारित किया है लेकिन जिस जगह की हम बात कर रहे है वहा पर लगभग 8 से 9 फुट तक मट्टी खनन किया गया है जब खनन अधिकारी से कार्यालय में इस संबंध में जानकारी चाही गई तो उनके द्वारा मौखिक रूप से बताया गया कि इतना खनन करने की परमिट जारी नही हो सकती है और कार्यवाही करने का आश्वासन दिया मौखिक अब सवाल यह उठता की आखिर इतने बड़े पैमाने पर खनन कैसे हुआ ये अपने आप में एक बड़ा सवाल है जिस जगह खनन हुआ है उसी चंद कदम की दूरी पर सदभावना चौकी है जो बस केवल नाम की है इन ट्रालियों पर इनकी नज़र पड़ती ही नही है जैसे देखकर अनदेखा कर रहे हैं ये भी अपने आप मे बड़ा सवाल है आखिर जिन पुलिस वालों पर समाज की सुरक्षा की जिम्मेदारी है समाज के साथ साथ आम जनता के सुरक्षा के लिए दो सितारे भी दिए गए है लेकिन उन सितारों का क्या मतलब है जब खनन माफियाओं पर कार्यवाही न कर सके वही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिस भी चौकी से अवैध मट्टी खनन की ट्रालियां गुजरना होता है तो पहले ही उनको नगद नारायण का प्रसाद भेंट कर दिया जाता जिससे वे खनन माफियाओं के ट्रालियों को वो नज़र अंदाज़ कर देते है

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