वायु प्रदूषण और कीटनाशक से बिगड़ रही किडनी की सेहत

-पीजीआई में शब्द किडनी दिवस पर वाकथान और जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
वायु प्रदूषण और फसल उगाने में इस्तेमाल कैमिकल किडनी को नुकसान पहुंचा रहा है। इन कारणों से हर साल सैकड़ों लोग किडनी की बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। समय पर इलाज से बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। यह जानकारी पीजीआई नेफ्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. नारायण प्रसाद ने दी।
वह पीजीआई व आलम्बन एसोसिएट चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से आयोजित जागरुकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। पीजीआई के ट्रॉमा सेंटर से जागरुकता रैली निकाली गई। जिसमें करीब 500 लोग शामिल हुए। जो इमरजेंसी मेडिसिन एंड रीनल ट्रांसप्लांट सेंटर तक पहुंची। वहां एक संगोष्ठी हुई। डॉ. नारायण प्रसाद ने कहा कि डायबिटीज, बल्ड प्रेशर, मोटापा से किडनी की बीमारी बढ़ रही है। वायु प्रदूषण, फसल उगाने में इस्तेमाल होने वाला घातक कैमिकल भी किडनी पर खराब असर डाल रहा है। उन्होंने कहा कि बार-बार गर्मी में काम करना, कम पानी पीना होने से शरीर में डिहाईड्रेसन हो रहा है। इसका विपरीत असर गुर्दे पर पड़ रहा है। गुर्दे बीमार हो रहे हैं।
पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमान ने कहा कि अच्छी सेहत के लिए घर का खाना ही खाएं। फास्ट फूड के सेवन से बचें। डॉ. अंसारी ने बताया कि अल्टरनेटिव मेडिसिन, जो प्रमाणित नहीं है, भी गुर्दे को खराब कर रहे हैं। आलंबन चोरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष संदीप कुमार ने कहा कि अंगदान की बहुत आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश में लगभग तीस हजार लोगों को अंगदान की जरूरत है। लेकिन अफसोस की बात है कि अंगदान की स्थिति न के बराबर है।
पीजीआई के अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रमुख और सोटो के निदेशक डॉ राजेश हर्षवर्धन ने कहा कि डायबिटीज, उच्च रक्तचाप के लक्षणों को लोग नजरअंदाज करते हैं। यदि आप शारीरिक रूप से मोटे हैं। धूम्रपान करते हैं। तो भी किडनी खराब होने की आशंका हो सकती है। इस मौके पर पीजीआई के सीएमएस डॉ देवेंद्र गुप्ता और एमएस डॉ डॉ प्रशांत अग्रवाल आदि मौजूद रहे।