एंटी रैबीज सीरम मौजूद फिर भी मरीजों की जेब हो रही ढीली

बरेली। कुत्ता, बंदर, बिल्ली व अन्य जंगली जानवरों के हमले में गंभीर घायल को वैक्सीन के साथ एंटी रैबीज सीरम भी लगाया जाता है। ड्रग वेयर हाउस में सीरम होने के बाद भी मरीजों को बाजार से खरीदकर लगवाना पड़ रहा है। सीरम का वितरण एआरवी सेंटर समेत अन्य किसी सीएचसी पर अभी तक नहीं किया गया है। विभागीय अफसरों के अनुसार शासन से सीरम वितरण का अभी आदेश नहीं मिला है।
15 दिन पहले शासन स्तर से एंटी रैबीज सीरम की 300 वॉयल ड्रग वेयर हाउस भेजी गई थीं, ताकि मरीजों को इसका लाभ निशुल्क मिल सके, लेकिन अफसरों की ओर से अभी तक सीरम का वितरण शुरू नहीं किया गया है। जबकि बड़ी संख्या में बंदर, कुत्ता आदि जानवरों के हमले में घायल लोग एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने तीन सौ बेड अस्पताल स्थित एआरवी सेंटर पर पहुंचते हैं। विशेषज्ञ के अनुसार अगर गहरा जख्म हो तो सिरम लगवाना जरूरी होता है।
छह सौ रुपये में मिलता है एआरएस का इंजेक्शन
बाजार में एआरएस यानी एंटी रैबीज सीरम का इंजेक्शन करीब छह सौ रुपये में मिलता है।सरकारी सप्लाई में न होने से मरीज को सीरम बाजार से खरीदकर लाना होता है। एआरवी सेंटर पर रोजाना तीन से चार गंभीर मरीज पहुंचते हैं, जिन्हें बाजार से मंगवाकर सीरम लगाया जाता है
सीबीगंज निवासी याकूब को तीन दिन पहले कुत्ते ने काटा था, उन्होंने स्थानीय सीएचसी पर वैक्सीन लगवा ली, लेकिन विशेषज्ञ ने एंटी रैबीज सीरम लगवाने की सलाह दी। वह सोमवार को तीन सौ बेड अस्पताल पहुंचे, यहां जानकारी की तो स्टाफ ने बताया कि वैक्सीन उपलब्ध है लेकिन सीरम उन्हें खरीदकर लाना होगा। इस पर याकूब ने सीरम बाहर से खरीद कर केंद्र पर स्टाफ से लगवाया।
प्रभारी आईडीएसपी डॉ. मीसम अब्बास ने बताया कि एंटी रैबीज सीरम की वॉयल प्राप्त हो गई हैं। हालांकि अभी शासन स्तर से वितरण की अनुमति संबंधी आदेश नहीं मिला है। मिलते ही केंद्रों पर वितरण शुरू करा दिया जाएगा, जिससे गंभीर मरीजों को सहूलियत मिल सके।