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कहीं आप तो नहीं कर रहे Helicopter Parenting?

ब्यूरो रिपोर्ट, 7 फ़रवरी: आजकल बच्चों की पेरेंटिंग करना एक बड़ा टास्क हो गया है. ऐसे में कब पेरेंट्स बच्चों की हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग(Helicopter Parenting) करने लग जाते हैं इसके बारे में उन्हें खुद नहीं पता चलता है. वैसे हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग का नाम सुनते ही बहुत से लोगों के मन में कुछ सवाल आते हैं. हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग(Helicopter Parenting) का मतलब क्या होता है, इसके लक्षण क्या हैं और ये बच्चों के लिए सही क्यों नहीं है, इस तरह के सवाल पेरेंट्स के मन में आना स्वाभाविक है. हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग(Helicopter Parenting) उसे कहते हैं जब पेरेंट्स जरूरत से ज्यादा अपने बच्चों को कंट्रोल करते हैं और उनको लेकर ऑवर-प्रोटेक्टिव होते हैं. कई बार पेरेंट्स जाने-अनजाने में ये काम करते हैं, लेकिन अगर आप जानबूझकर बच्चे की हेलीकाप्टर पेरेंटिंग कर रहे हैं तो इससे बच्चे पर बुरा असर पड़ता है.

Helicopter Parenting

क्या होती हैं हेलीकॉप्टर पेरेंट्स की आदतें?

कई बार पेरेंट्स बच्चों के लिए चीजें आसान करने ले लिए भी उनकी लाइफ में हद से ज्यादा इन्वोल्व होते हैं. उन्हें लगता है कि वो बच्चे की मदद कर रहे हैं. हालांकि, ये भी हेलीकाप्टर पेरेंटिंग का एक हिस्सा है. यही नहीं, काफी सारे पेरेंट्स बच्चों के घर के काम और स्कूल होमवर्क भी ये सोचकर पूरा करते हैं कि वो बच्चे की मदद कर रहे हैं. अगर आप ऐसा करते हैं तो कहीं न कहीं आप बच्चे के साथ गलत कर रहे हैं. दरअसल, पेरेंट्स ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उनका बच्चा आगे नहीं बढ़ पाएगा या उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. मगर ऐसा नहीं है, जब तक बच्चा खुद से कुछ सीखेगा नहीं तब तक उसका पर्सनालिटी डेवलपमेंट अच्छे से नहीं होगा. इसलिए पेरेंटिंग करते समय आपको खुद भी सही और गलत पर बहुत ध्यान देने की जरूरत है. अगर आप बच्चे का काम आसान कर रहे हैं तो कभी न कभी उसे इसकी आदत पड़ जाएगी.

Helicopter Parenting

बच्चों के लिए क्यों बुरी है हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग?

Helicopter Parenting

हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग(Helicopter Parenting) बच्चों को गलतियां करने और अपनी गलतियों से सीखने कि क्षमता को कम कर देती है. ऐसी कई रिसर्च सामने हैं जोकि ये कहती हैं कि जब बच्चा अपनी गलतियों से सीखा है तो उसकी पर्सनालिटी उस बच्चे से ज्यादा बेहतर होती है, उसके पेरेंट्स हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग करते हैं. शोध में ये भी दावा किया गया है कि हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग के कारण बच्चे के इमोशनल डेवलपमेंट में रुकावट पैदा होती है.कुछ स्टडीज में ये बात भी सामने आई है कि हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग की वजह से बच्चों में एंग्जायटी यानी घबराहट जैसी प्रॉब्लम हो सकती है. साथ ही, ऐसे बच्चों को डिप्रेशन होने का खतरा भी ज्यादा रहता है. हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग न केवल बच्चों के साइकोलॉजिकल बल्कि सोशल बिहेवियर को इफेक्ट करती है.

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