आशीष मिश्रा भागवताचार्य ने ली महंत बजरंगमुनि उदासीन से संन्यास की दीक्षा

ब्यूरो रिपोर्ट अनूप पाण्डेय

खैराबाद बड़ी संगति स्थित पवित्र भुइयांताली तीर्थ माँ बंगलामुखी के सानिध्य में सन्यास की दीक्षा ग्रहण किया आशीष मिश्रा के पिता बहादुर मिश्रा
गांव मिर्जापुर पिपरी थाना कोतवाली देहात के निवासी है। उदासीन सम्प्रदाय से जुड़ने के बाद महाराज ने माँ बगलामुखी की पूजा कर आशीर्वाद लिया। महंत बजरंग मुनि उदासीन ने बताया उदासीन संप्रदाय में दीक्षा संस्कार की विधि में
दीक्षा के समय गुरु, दीक्षार्थी को नहलाते हैं और भस्म लगाते हैं.
दीक्षार्थी को गुरु का चरणोदक पिलाया जाता है.
गुरु दीक्षार्थी को कोई नया नाम देते हैं.
दीक्षार्थी को दीक्षामंत्र से दीक्षित किया जाता है. दीक्षार्थी धर्म के प्रचार, प्रसार, संरक्षण, संवर्धन और उत्थान में अहम भूमिका निभाने का वचन दिया। कुंभ मेले, धार्मिक आयोजनों और विभिन्न सेवा प्रकल्पो के माध्यम से दुनिया भर में भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म को प्रचारित प्रसारित करने,और राष्ट्र को उन्नति की ओर अग्रसर करने में हमेशा ही अग्रणी भूमिका निभाने का वचन लिया जाता है।

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