अयोध्याउत्तर प्रदेश

आयुर्वेदिक दवाओं में है असाध्य रोगों का उपचार, सावधानी आवश्यक – डॉ राज कपूर

व्यक्ति की जीवन शैली, खानपान,और दिनचर्या की आदतों को बदलने से शरीर खुद ही ठीक करता है रोगों को- डॉ राज कपूर

बलराम मौर्य/ बालजी दैनिक
अयोध्या धाम l मौसम के बदलते मिजाज पर मानव शरीर भी उसी के अनुसार कार्य करता है, शरीर की प्रकृति के अनुसार कफ , पित , और वात अपना असर दिखाता है l उक्त बाते राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय गायत्री भवन अयोध्या में तैनात चिकित्सक डॉ राज कपूर ने वार्ता के दौरान बताया कि आयुर्वेद में सभी रोगों का स्थाई उपचार है l थोड़ा सा समय जरूर लगता है l लेकिन नियमित दवा के सेवन और प्रकृति के अनुसार पहरेज से निश्चित रूप से रोगी ठीक हो सकता है l डॉ कपूर ने कहा कि आयुर्वेद का शाब्दिक अर्थ “जीवन का विज्ञान” है। यह स्वास्थ्य की एक ऐसी समग्र प्रणाली है जिसका प्राचीन काल से पालन किया जा रहा है। आयुर्वेद के अनुसार, केवल बीमारियों या रोगों से मुक्ति ही स्वास्थ्य नहीं है, बल्कि यह शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन की स्थिति भी स्वास्थ्य है। ऐसा व्यक्ति जिसमें दोष (देहद्रव जो शरीर को बनाते हैं), अग्नि (पाचन और चयापचय की प्रक्रिया), धातु (शरीर के ऊतक), मल (मल मूत्र), क्रिया (शारीरिक कार्य) संतुलित है और जो एक संतुलित मन और आत्मा के साथ खुश है, वही व्यक्ति स्वस्थ है। जो भी आयुर्वेद को इस विश्वास के साथ मानता है कि उपचार का मार्ग शरीर और मस्तिष्क में संतुलन स्थापित करता है। इस प्रकार, आयुर्वेदिक उपचार में बीमारियों को रोकने के लिए व्यक्ति की जीवन शैली और खानपान की आदतों को बदलने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, साथ ही साथ दोषों में संतुलन बहाल करने के लिए शमन चिकित्सा (शांति या दर्दनाशक उपचार) और शोधन चिकित्सा (शुद्धि उपचार) भी की जाती है। डॉ राज कपूर ने बताया कि सर्दी का मौसम चल रहा है, इसमें सभी लोगों को जुखाम, नजला, कफ, की समस्या बढ़ जाती है l इसके लिए गुनगुने पानी का सेवन, तुलसी पत्ता का सेवन, इत्यादि करने के लिए सलाह दी जाती है l

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button