उत्तर प्रदेशबरेली

भव्य कलश यात्रा से शुरू होगा सुदृढ़ शक्ति फाउंडेशन की भागवत कथा शुभारम्भ

त्रिबटी नाथ प्रांगड़ में 20 से 26 फरवरी तक होगी कथा

बरेली । सुदृढ़ शक्ति फाउंडेशन की ओर से 20 फरवरी से त्रिबटी नाथ मंदिर प्रागंण के सत्संग भवन में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा 26 फरवरी तक चलेगी। कथा व्यास श्री वृंदावन धाम से आ रहे आचार्य श्री विमल कृष्ण शास्त्री जी महाराज हैं। बीस फरवरी को ही कलश यात्रा भी निकाली जायेगी। दोपहर तीन बजे से कथा का आरंभ होगा।
फाउंडेशन की अध्यक्ष डा.ऋचा दीक्षित ने उपजा प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता में कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी देते हुए कथा के उद्देशयों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कथा का मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तिकरण के मुद्दे को ध्यान में रखते हुए, समाज में धर्म के नाम पर व्याप्त भ्रांतियां, अज्ञानताओं, से बच्चियों ,महिलाओं को बचना है। संस्था चाहती है कि श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से धार्मिक एवं नैतिक संस्कारों का उन्नयन हो सके । वह जीवन के प्रत्येक मार्ग पर सशक्त, सबल एवं निर्भीक बन सकें । सांस्कृतिक ज्ञान के माध्यम से महिलाएं , बच्चियां जीवन में आध्यात्मिक शांति,मानसिक शांति की ओर अग्रसर हो सके एवं विवेकवान बन सकें और अपनी दैविय शक्तियों को पहचान सके। अपने जीवन में एवं उज्जवल भविष्य का निर्माण करने में सक्षम बन सकें।
डा. ऋचा ने यह भी बताया कि इन्हीं सब विषयों को लेकर श्रीमद् भागवत कथा की अमृतमयी वेला सात दिन तक तीन बजे से हरि इच्छा तक चलेगी। 20 फरवरी को कलश यात्रा निकाली जाएगी। कलश यात्रा सुबह नौ बजे से टीबरी नाथ मंदिर परिसर से आरंभ होकर एमबी इंटर कॉलेज, गांधीनगर चौराहा से होकर धर्म कांटा से होते हुए वापस टीबरी नाथ मंदिर परिसर में पहुंचेगी। कलश यात्रा का संचालन व संयोजन अखिल विश्व गायत्री परिवार की ओर से किया जायेगा।
सुदृढ़ शक्ति फाउंडेशन के बारे में डा. ऋचा दीक्षित ने बताया कि इस संस्था की स्थापना 2021 में पुणे महाराष्ट्र में की गई थी। उन्होंने कहा कि उनके माता पिता की प्रेरणा और संस्कारों से उन्होंने इस संस्था की स्थापना की।
प्रेस वार्ता में उपजा प्रेस क्लब के अध्यक्ष डा. पवन सक्सेना ने इस आयोजन को बरेली का एक सार्थक आयोजन बताया तथा सभी से इसमें पहुंचने व कथा श्रवण की अपील की व आमंत्रण दिया। इस अवसर पर विवेक मिश्रा, डा. दीपमाला शर्मा, डा. शालिनी भी उपस्थित रहीं।

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