अयोध्याउत्तर प्रदेश

सामाजिक समरसता के प्रणेता भीमराव अंबेडकर – प्रो0 आशुतोष सिन्हा

अंबेडकर के विचार समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणा – कुलसचिव उमानाथ

अवध विवि में डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई गई

बलराम मौर्य / बालजी हिन्दी दैनिक
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभााग में डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर कला एवं मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो0 आशुतोष सिन्हा, कुलसचिव उमानाथ, ए.एन.डी.के.पी.जी. कॉलेज बभनान के डॉ. अजय मौर्य, प्रो0 विनोद श्रीवास्तव, प्रो0 शैलेन्द्र कुमार, डाॅ0 महेन्द्र सिंह व छात्र-छात्राओं ने अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण किया। दूसरी ओर वहीं विचार गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रो0 आशुतोष सिन्हा ने बताया कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर सामाजिक समरसता के प्रणेता रहे। उन्होंने राष्ट्र के लिए अतुलनीय योगदान दिए है। प्रो0 सिन्हा ने डॉ अंबेडकर को श्रेष्ठ समाज सुधारक कानूनविद्व एवं महान अर्थशास्त्री बताया। उन्होंने बताया कि बाबा साहब ने सामाजिक विषमता एवं विभेदीकरण के उन्मूलन के लिए आर्थिक उन्नयन के प्रयत्नशील रहे है। उन्होंने विपन्न वर्ग एवं शोषित समाज के आर्थिक विकास एवं सामाजिक उत्थान के लिए जीवन पर्यंत संघर्ष किया। कार्यक्रम में प्रो0 सिन्हा ने डॉ. अम्बेडकर के अर्थशास्त्र के क्षेत्र में किये गए योगदान पर भी विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि आज हमारे संविधान के अंगीकरण एवं लागू होने के 75 वर्ष पूर्ण हो गए है। बाबा साहब के संविधान निर्माण अनुपम योगदान रहा है। डाॅ. अम्बेडकर ने संविधान निर्माण के लिए 60 राष्ट्रों के संविधान का अध्ययन किया एवं हमें एक ऐसा संविधान दिया जो आज 75 वर्ष बाद भी हमारे लोकतंत्र को मजबूती देने के साथ सामाजिक समरसता को पोषण प्रदान कर रहा है।

कार्यक्रम में विवि के कुलसचिव उमानाथ ने बताया कि अंबेडकर जी के विचार समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणा है। यदि उनके विचारों पर बात करनी है तो हमें शिक्षा को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बनाना होगा। आज समाज के हर वर्ग को शिक्षित करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। कार्यक्रम में माइक्रोबायोलाॅजी के प्रो. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि डाॅ. अंबेडकर को ‘सिम्बल ऑफ नॉलेज‘ के नाम से जाना जाता है। उनका जीवन बड़ा ही संघर्ष पूर्ण रहा है। वे सदैव समता मूलक सिद्धांत के पक्षधर रहे है। जो समाज को एकता के बंधन में बाँधता है। अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास के प्रो. विनोद कुमार श्रीवास्तव ने अम्बेडकर ने कभी भी वर्गांतर की बात नही की है। निर्धनों की आवश्यकताओं को पूरा करना और उनको उनके अधिकारों से वंचित न करके उनको संपन्न कराना उनका ध्येय रहा है। गोष्ठी में डॉ0 अजय मौर्य ने बाबा साहब अंबेडकर के समाज के प्रति समर्पण एवं उनके विचारो से अवगत कराया। एमएड विभाग के डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया कि समाज के दलित वर्ग व निर्धन वर्ग को अपने अधिकारों के बारे में जानने की आवश्यकता है। कार्यक्रम का संचालन अर्थशास्त्र विभाग की डॉ. अलका श्रीवास्तव ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. विनोद कुमार श्रीवास्तव द्वारा किया गया। इस अवसर पर हीरालाल यादव, किसमिता देवी सहित छात्र-छात्राएं मौजूद रही।

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