उत्तर प्रदेशप्रयागराज

योग को खेती में शामिल करने से होगा पूरे समाज का कल्याण– बद्री विशाल त्रिपाठी पूर्व सहायक निदेशक कृषि निदेशालय, उप्र

महाकुंभ नगर 14 फरवरी 2025
बीके यादव/बालजी दैनिक

– सनातन कृषि संस्कृति स्वर्णिम भारत का आधार विषय पर सेमीनार आयोजित
– कृषि ए‌ंव ग्राम विकास प्रभाग की ओर से महाकुंभ के ब्रह्माकुमारी ज्ञान कुंभ में आयोजन

प्रयागराज। महाकुंभ के सेक्टर 7 स्थित ब्रह्माकुमारीज स्वर्णिम भारत ज्ञान कुंभ मंडप में कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग द्वारा किसानों के लिए विशेष किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसका विषय सनातन कृषि संस्कृति स्वर्णिम भारत का आधार रहा । इस सेमीनार में वक्ताओं ने प्राकृतिक खेती, यौगिक खेती और जैविक खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया साथ ही राजयोग द्वारा तनाव मुक्त जीवन जीने की प्रेरणा दी।

इसमें मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश कृषि निदेशालय के पूर्व सहायक निदेशक बद्री विशाल त्रिपाठी ने सनातन शब्द के बारे में बताते हुए कहा ऐसी परंपराएं जो समाज को बेहतर बनाने के लिए निर्माण की जाती हैं।
कृषि के क्षेत्र में ब्रह्माकुमारीज के कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग का प्रमुख योगदान है, आज समय की मांग यही है कि जैविक खेती, प्राकृतिक खेती अपनाया जाए। यदि हमें अपनी जमीन और मिट्‌टी को बचाना है तो जैविक खेती पर आना ही होगा। खेती में रसायनों के उपयोग से न केवल मिट्‌टी की उर्वरा शक्ति खत्म हो रही है, बल्कि प्रकृति और इंसानों के ऊपर भी दुष्प्रभाव पड़ रहा है। नतीजा नई-नई बीमारियां जन्म ले रही हैं। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान ने यौगिक खेती की दिशा में अच्छी पहल की है। योग को खेती में शामिल कर लिया जाए तो पूरे समाज का कल्याण हो जाएगा।

कृषि एवं ग्रामीण विकास प्रभाग के उपाध्यक्ष ब्रह्माकुमार राजू भाई जी ने कहा कि प्रभाग द्वारा सिखाई जा रही यौगिक खेती पद्धति को सीखकर हजारों किसानों का जीवन खुशहाल बन गया है। आप सभी भाग्यशाली हैं जो इस महाकुंभ में किसानों को सम्मेलन के माध्यम से सशक्त बनाने और यौगिक खेती के बारे में जानकारी देने का सुंदर प्रयास किया जा रहा है। इसलिए यहां से मदद लेकर जैविक खेती की शुुरुआत करें। भारतीय संस्कृति में कहा गया है जैसा अन्न वैसा मन इसीलिए अन्ना की शुद्धता का हमें ख्याल रखना चाहिए, और राजयोग ऐसी सर्वश्रेष्ठ विधि है जिसके द्वारा हम अपने मन को शुद्ध कर सकते हैं।

कासगंज से पधारी ब्रह्माकुमारी सरोज, ने कहा कि योग तो हमारी संस्कृति है। परमपिता परमात्मा हमें राजयोग सिखाते हैं। राजयोग से न केवल हमारा मन सकारात्मक होता है बल्कि प्रकृति भी सतोप्रधान बनती है। राजयोग का अपनी खेती में प्रयोग करके आप खुद ही इसके चमत्कार देख सकते हैं।

ज्ञान कुंभ मेले की संचलिका बीके मनोरमा दीदी ने कहा कि योग तो हमें प्रेम करना सिखाता है। आपसी भाईचारा और स्नेह सिखाता है। एक समय था जब गांवों में आपसी भाईचारा की मिसाल हुआ करती थी लेकिन आज वह सब कहीं गुम गया है। हमें फिर से अपने गांवों को गोकुल गांव बनाना है।अन्नदाता शब्द केवल किसान के लिए उपयोग किया गया है क्योंकि अन्न हमारी थाली में आने तक किसान का खून पसीना लगा होता है। ग्राम विकास कोई कागजी कार्यवाही नहीं धरती पर प्रैक्टिकल प्रयोग की बात है

बीके जागृति ने मेडिटेशन कमेंट्री द्वारा राजयोग का अभ्यास कराया। सभी अतिथियों का शब्दों से स्वागत बरेली से आई ब्रह्माकुमारी पार्वती दीदी ने किया, कार्यक्रम का सफल संचालन ब्रह्माकुमारी रजनी दीदी ने किया।

ब्रह्माकुमारीज़ के प्रयासों से गांव में कई विकास कार्य हुए हैं, कई गांव स्वच्छ गांव बन गया है। कई किसान ब्रह्माकुमारीज़ से सीखकर जैविक खेती कर रहे हैं।

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