कविता

माँ

कितने भी सैलाब आए आसमां डूबता नहीं है माँ घर पर हो तो तुलसी का पौधा सूखता नहीं है पर…

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शीत पवन तुम धीर धरो

(शैलेंद्र-विनायक फीचर्स) शीत पवन तुम धीर धरो, अब उर अग्नि को गाना है, धरती के कंपते आँगन में अब बसंत…

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बदल गया है गांव

शिवकुमार पाण्डेय गुरूजी/ बीन्यूज हिंदी दैनिक तरबगंज. बदल गया है गांव हमारा, पहले जैसी बात कहां है कउड़े पर सुनते…

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मानवता का छरण हो रहा

कलिकाल की छाई चहुं ओर रंगत, मानव क्यों करें तू दुष्टों की संगत, मानवता का यहां छरण हो रहा हैं,…

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सहारे गए

पता नहीं क्यों हम नकारे गए । लुटा के सब हम मारे गए। सहारा दिया अपना समझ। तभी तो अपने…

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आरोहण कर

बाह्य दुनिया के छल मायावी प्रपंचों से निकल, सुन जरा थोड़ा भीतर भी मनन करता जा, सद्गुरु के अनुपम अतुलनीय…

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बाल दिवस

  आया बाल दिवस बन ठन के, बच्चे भोले भाले सच्चे मन के, बचपन से करें फिर मुलाकात, चाचा नेहरू…

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तुलसी विवाह

हरी-भरी तुलसी खिली रहती मेरे आंगन मनभावन, बारहों मास बरसे सुख का अमृत”आनंद” सावन । प्रतिदिन सुबह शाम धूप, दीप,…

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काफी बरसों पहले पढ़ा था..

पोथी पढ़-पढ़ जग मुआ पंडित भया न कोय। ढाई अक्षर प्रेम के, पढ़े सो पंडित होय॥ महापुरुषों की गूढ भाषा…

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करवाचौथ 

  कार्तिक मास लाया त्योहारों की धूम, नर नारी सब हर्षित हुए नाचे गाए झूम, कार्तिक कृष्ण पक्ष करवा चौथ…

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