एक चकोर उस चांद और चांदनी का बड़ा दिवाना हैं, रात की कली ने जिसको अपना सब कुछ माना है,…
Read More »कविता
-डॉ. सत्यवान सौरभ मुकरे होंगे लोग कुछ, देकर स्वयं जुबान। तभी कागजों पर टिके, रिश्ते और मकान।। जिनपे धन-तन-मन,…
Read More »विजय सिंह! बलिया (उत्तर प्रदेश) मैंने भी देखा है, किसी डूबते हुए को, उबरते हुए! बिखरे हुए को, संभलते हुए!…
Read More »डॉ. सतीश “बब्बा” मृत्यु सत्य है, यह जानना जानकारी है, मृत्यु सत्य है, याद रखना ज्ञान…
Read More »शेरावाली दातिए शेरो वाली दातिए, सुन ले पुकार, आए हम शरण तिहारी करदे उद्दार…… जय जय मां जय जय मां…
Read More »सारी दुनियां घूम के आए भारत जैसा देश ना कोई। इस की माटी यह समझाए भारत जैसा देश ना कोई।…
Read More »हे नवदुर्गा नौ रुप धार मेरे घर नवरात्रों में पधारो, हम भक्तों के मैया जी सारे अटके कारज सवारों, धरती…
Read More »साधना काल का हुआ मंगल शुभारंभ, कर लो अंतकरण की शुद्धि को प्रारंभ, असाध्य कष्टों से है मुक्ति का दिव्य…
Read More »दिल पर बोझ मत डालिए, दुखों को हुजूर मत पालिए, जिंदगी का मजा लीजिए, गमों को रफा-दफा कीजिए । थोड़ा…
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