बरेली पहुंचे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री उत्तरायणी मेले का किया शुभारम्भ
पुष्कर धामी बोले इसी माह लागू होगा समान नागरिक संहिता कानून, विधेयक तैयार
दैनिक बालजी न्यूज
ललित कुमार कश्यप
बरेली । उत्तराखंड जनकल्याण समिति की ओर से आयोजित उत्तरायणी मेले के शुभारंभ में शामिल हुए। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि लैंड जेहाद बड़ी समस्या थी। इसपर अंकुश के लिए कानून के तहत पांच हजार एकड़ जमीन कब्जामुक्त कराई। वहीं, थूक जेहाद पर भी कार्रवाई की । क्योंकि दुनिया भर में देवभूमि शुद्धता के लिए पहचानी जाती है। लिहाजा थूक जेहाद पर कार्रवाई का नियम बनाया। बाबा साहब ने संविधान के अनुच्छेद 44 में समान नागरिकता कानून का प्रावधान किया था। ताकि प्रदेश और देश ने समान नागरिक कानून संहिता लागू हो। इसका विधेयक उत्तराखंड में तैयार हो गया है और इसी माह यह लागू करने का प्रयास है। देवभूमि से पवित्र नदियों की भांति प्रवाहित होकर यह संहिता देश भर में अपनी पहचान बनाएगा, इसी उम्मीद है।
धर्मांतरण रोधी कानून, दंगा नियंत्रण कानून बनाया, दंगाइयों से वसूलेंगे नुकसान का खर्चा
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड में बड़ी तादाद में धर्मांतरण हो रहा था। लालच देकर। इस पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए धर्मांतरण रोधी कानून बनाया। हल्द्वानी में दंगा भड़का था जिसे देखते हुए दंगा नियंत्रण कानून बनाया। जो दोषी होगा उसी से पूरी वसूली की जाएगी। सख्त नकल कानून नकल रोकने में देश के अन्य प्रदेशों के लिए उदाहरण है। क्योंकि नकलमाफिया के चलते गरीबों को नौकरी नहीं मिल पाती थी। हुनर, बौद्धिकता के बावजूद वे असफल रहते थे। जो भी नकल में संलिप्त थे उन्हें जेल भेजा, सौ नकल माफिया पर कार्रवाई की। नतीजा रहा कि तीन साल में 19 हजार लोगों को नौकरी मिली। जबकि 19 वर्षों में सिर्फ 14 हजार लोगों को नौकरी मिली।
हमारी सरकार उत्तराखंड में विरासत को सहेजने का प्रयास कर रही हैं। जहां एक ओर बाबा केदारनाथ के धाम का निर्माण हो रहा है तो दूसरी ओर हाल में हुए उपचुनाव में बड़ी विजय मिली। उत्तराखंड के बैजनाथ धाम में करोड़ों की लागत से मास्टरप्लान पर कार्य हो रहा है। मानस खण्ड मंदिर माला मिशन के तहत कुमाऊं क्षेत्र के जितने भी पौराणिक मंदिर हैं, उनके सुंदरीकरण, पुनर्निर्माण का कार्य हो रहा है। प्रतिवर्ष चार करोड़ लोग उत्तराखंड कांवड़ लेने या लेकर जाते हैं। 25 वर्षों में संख्या तेजी से बढ़ेगी। गंगा कॉरिडोर हरिद्वार से ऋषिकेश तक बनाने का निर्णय लिया है। ताकि धार्मिक पर्यटन तेजी से बढ़े। मां पूर्णागिरी दर्शन के लिए सर्वाधिक भक्त पहुंचते हैं।
उत्तरायणी मकर संक्रांति की शुभकामना दी, फिर साझा किए मेले से जुड़े विचार
उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में भी आने कि कोशिश की थी। बचपन में भी यहां आता था। पिछली बार छत्रपाल के चुनाव में आया था। पदाधिकारियों ने अनुरोध किया था तब खुद से वादा किया था कि आना है और बरेली आकर ऐसा लग रहा है कि जैसे उत्तराखंड में ही हूं। मेले सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने का काम करते हैं। पूर्व में मेले ही एक दूसरे से मुलाकात का जरिया बनते थे। तब संचार की व्यवस्था नहीं थी। दुख-सुख साझा करते थे। मेले में लोक कला और प्रतिभा को भी मंच मिलता है। नई पीढ़ी Bari जुड़ती है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कुटीर उद्योगों को भी लोकल से ग्लोबल होने का मौका मिलता है ।