खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय सिंह के खिलाफ लगाई गई खबर पर सफाई फोन द्वारा किया गया बात कल की खबर लगी सैंया भये कोतवाल अब डर काहे का, बनाम इंदर यादव
शिवकुमार पाण्डेय गुरूजी/ बी न्यूज हिंदी दैनिक…
नवाबगंज गोंडा.
नवाबगंज में नकली प्रोटीन पाउडर बेचने पर वादी द्वारा फूड इंस्पेक्टर संजय सिंह को कंप्लेंट किया गया जिसमें यह वादी द्वारा कहा गया कंप्लेंट करने के बाद फूड इंस्पेक्टर के द्वारा मां-बहन की भद्दी भद्दी गालियां दी गई इस संदर्भ में जब फोन के माध्यम से संजय सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि पत्रकारों का एक ग्रुप समूह जो सक्रिय है हर दुकान पर अवैध वसूली करता है, विज्ञापन के नाम पर और कुछ पत्रकारों की पीछे से भूमिका भी कंप्लेंट को करवाने में संलिप्त है और मेरे ऊपर लगाया गया समस्त आरोप भ्रामक और तथ्यहीन है इंदर यादव से बात किया गया तो उन्होंने गाली देने की बात कबूली है ,खैर कोई बात नहीं मामले को वादी और प्रतिवादी के द्वारा सुलह समझौता कर लिया गया है ।
परंतु यह समाचार पत्र हर प्रकार के खबर का खंडन करता है संजय सिंह के द्वारा दिया गया बयान कहां तक सही है ?
इंदर यादव के द्वारा दिया गया बयान कहां तक सही है ?
दोनों की रिकॉर्डिंग मेरे पास उपलब्ध है क्या यह रिकॉर्डिंग हवा हवाई है ? फिलहाल मामले को रफा दफा कर दिया गया है खबर को जब व्यक्तिगत व्हाट्सएप पर भेजा गया तो महामहिम ने पत्रकार को संबोधित करते हुए कहा ”
ऐसा है मिस्टर झूठी खबरें छापने के आरोप में मानिहान का मुकदमा कर दिया जाएगा आप लोगों के खिलाफ ,यह सब फर्जी खबरें छापना बंद कर दीजिए और तमाशा बाजी बंद कर दीजिए पत्रकारिता का दुरुपयोग करना भी बंद कर दीजिए । पत्रकारों पर अवैध वसूली का आरोप लगाया जा रहा है। पत्रकारिता वसूली का विषय नहीं है पत्रकारिता एक आग्रह की वस्तु है
जानकारी के द्वारा सारी सच्चाई को सुलह समझौता के आधार पर निष्पादन कर दिया गया है ,परंतु यह समाचार पत्र इन खबरो का खंडन करता है। पत्रकारीता में डर,धमकी का कोई स्थान नहीं होता है निष्पक्ष पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, जहां तक विज्ञापन का सवाल है विज्ञापन एक आग्रह की वस्तु है।
दिनांक 6 दिसंबर को लगाई गई खबर रिकॉर्डिंग और जानकारी के अनुसार थी। हो सकता है रिकॉर्डिंग आकाशवाणी के माध्यम से प्रेषित की गई हो । इंदरयादव से बात करने पर उन्होंने भी नकली प्रोटीन की बात कबूली है, जिसकी रिकॉर्डिंग समय आने पर अथवा मांग करने पर उपलब्ध करा दी जायेगी अभी रिकॉर्डिंग में क्या सच्चाई है? फिर भी मामले को रफादफा कर दिया गया है ।