उत्तर प्रदेशगोण्डा

मैजापुर गन्ना समिति के नए भवन का निर्माण छह माह से अधर में

इस निर्माण कार्य में मौरंग के स्थान पर बालू का इस्तेमाल ज्यादा होने से गुणवत्ता प्रभावित होने की जताई जा रही आशंका

अनिल कुमार द्विवेदी
बी न्यूज दैनिक

गोंडा। जिले के तहसील करनैलगंज क्षेत्र के अन्तर्गत सहकारी गन्ना समिति मैजापुर के नए भवन का निर्माण छह माह से अधर में लटका है। गन्ना समिति की स्थापना के करीब 27 साल बाद भवन निर्माण शुरू कराया गया जो आधा- अधूरा ठप पड़ा हुआ है।
आपको बता दें कि सहकारी गन्ना समिति के स्थापना के 27 साल बाद इसके नए भवन का निर्माण करीब छह माह पहले शुरू कराया गया। इसी बीच बिना किसी सूचना के भवन निर्माण एकाएक रोक दिया गया। इसके बाद करीब छह माह बीत गए और भवन निर्माण नहीं पूरा कराया जा सका है। करीब 30 लाख रुपए की लागत से सबसे पहले इसकी चारदीवारी का निर्माण कराया गया। इसके बाद करीब 56 लाख का बजट मंजूर होने पर गन्ना समिति के नए भवन का निर्माण शुरु कराया गया। इसी बीच बताया गया कि स्वीकृति ना मिलने के चलते भुगतान के अभाव में गन्ना समिति के भवन का निर्माण रोका गया। अब स्वीकृति मिल गई है बहुत जल्द इसका निर्माण कार्य शुरू करके पूरा करा दिया जाएगा। सहकारी गन्ना समिति मैजापुर का कार्यालय सन 1997 में अपने स्थापना काल से किराए के भवन में चल रहा है। जबकि इसके नए भवन को निर्माण को लेकर भूमि सन 2000 में ठाकुरदेई पत्नी गनेशदत्त ने उपलब्ध करा दिया था। नए भवन निर्माण की कार्यदाई संस्था सहकारी गन्ना समिति मैजापुर के स्वयं होने के बावजूद निर्माण अधर में लटका हुआ है और आधा अधूरा ठप पड़ा हुआ है। इसके चारदीवारी की लागत 30 लाख व नए भवन की लागत 56 लाख रुपए है। वहीं इस निर्माण कार्य में मौरंग के स्थान पर बालू का इस्तेमाल ज्यादा होने से गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। मिली जानकारी के मुताबिक इस गन्ना समिति में कुल 38975 किसान पंजीकृत हैं। इनमें से करीब 26000 किसान मैजापुर चीनी मिल को नियमित गन्ना सप्लाई करते हैं। गन्ना समिति के सचिव डा. पी एन पाण्डेय ने बताया कि समिति नए भवन निर्माण में उनको केवल भौतिक सत्यापन करना रहता है कि कितना निर्माण हुआ और कितना बकाया है। इसके बारे में समुचित जानकारी निर्माण में लगे इंजीनियर ही दे पाएंगे। इंजीनियर काली चरन ने बताया कि स्वीकृति न मिलने के चलते भुगतान के अभाव में गन्ना समिति मैजापुर के नए भवन का निर्माण रुका हुआ था। अब स्वीकृति मिल गई है बहुत जल्द इसका निर्माण एक बार फिर से शुरू करा दिया जाएगा।

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