ग्राम पंचायत में विकास कार्य नाम पर लाखों का भ्रष्टाचार
मुख्यमंत्री के सख्त आदेशो के बावजूद भ्रष्टाचारियों की मौज।
जिला राज पंचायत अधिकारी ने कहा स्थलीय जांच कर होगी कड़ी कार्यवाही।
ब्यूरो रिपोर्ट -अनूप पाण्डेय
सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति लागू की है वही सीतापुर जनपद के विकास खण्ड मछरेहटा की ग्राम पंचायत राजेपारा में विकास कार्यों में मनमाने तरीके से अनियमितता और अनुपयोगी कार्य कराके जहां सरकारी बजट को चूना लगाया जा रहा है, तो वहीं ग्राम पंचायत में विकास कार्य के नाम पर और मोटी कमाई के चक्कर में कायदे कानून ताक पर रखकर कायदे कानून के पालन से बेपरवाह हैं। उन्हें न जांच की चिंता है, न अधिकारियों का डर है।
मछरेहटा ब्लॉक की ग्राम पंचायत राजेपारा के प्रधान व तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा भ्रष्टाचार की सभी को पीछे छोड़ दिया गया है यहां तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा वाटर कूलर एक
नहीं तीन खरीदे एक पंचायत भवन के लिये दिनांक 27.7.2022 को जिसकी कीमत 168000 रूपया और दिनांक 4.6.2022 को दो वाटर कूलर प्राथमिक विद्यालय बहादुरपुर व प्राथमिक विद्यालय राजेपारा के लिये खरीदे गये जिनकी कीमत 345000 रूपया निकाला गया लेकिन किसी भी में लगे नहीं इतना ही नहीं डस्टबिन जिसकी खरीद को सरकार द्वारा रोक लगा रखा है दिनांक 7.11.2021 को 242136 रूपयों के खरीद किया गया है और कुछ इन्टर लाकिगं निर्माण कार्य कराया नहीं गया और भुगतान निकाला गया है जैसे शिवप्रकाश के मकान से इन्द्रपाल के मकान तक इन्टरलाकिगं निर्माण कार्य पर दिनांक 7.11.2021 को 112837 रुपए धनराशि निकली गई। विजयशंकर के मकान से सुनीत के मकान तक इन्टर लॉकिंग निर्माण कार्य पर दिनांक 01.01.2022 को 120355 रुपए धनराशि निकली गई कार्य अभी तक नही हुआ। कमलेश के मकान से राम चन्द्र के मकान तक इन्टरलॉकिंग निर्माण कार्य पर दिनांक 01.01.2022 को 73177 रुपए धनराशि निकाली गई और कार्य नहीं हुआ। पंचायत भवन में शौचालय मरम्मत।अन्य कार्यों में भी भ्रष्टाचार किया गया है जैसे शिवकुमार के मकान से चपरुआ तालाब तक नाली निर्माण कार्य के अन्तर्गत पीला ईंट का उपयोग किया गया। अवध के मकान से तालाब तक नाली मरम्मत में गुणवत्ता विहीन सामग्री का प्रयोग किया गया है । शिवपाल के मकान से अजय के मकान तक इन्टरलाकिंग निर्माण कार्य में भी गुणवत्ता विहीन सामग्री को लगाया गया है। हैंडपम्प रिबोर एवं हैंडपंप मरम्मत के नाम पर सबसे अधिक धन उगाही की गई है।
ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा विद्या के मंदिर में भी घोटाला करने से पीछे नहीं है जबकि गांव में निकलने का रास्ता नहीं है और इंटरलॉकिंग पर पैसों का बंदरबांट किया जा रहा है।
वही इस संबंध में जिला पंचायत राज्य अधिकारी डॉ निरीश चंद्र साहू ने कहा कि स्थलीय जांच होगी अगर दोसी पाए जाते है तो प्रधान व सचिव पर कार्यवाही जरूर होंगी ।
अब देखने वाली बात होती है की जाँच मे क्या होता है