गोंडा

नवाबगंज के एतिहासिक रामलीला मे उमड़ी दर्शको की भीड़

तीसरे दिन के मंचन में मुनी आगमन, ताड़का वध, मरीच सुबाह वध, अहिल्या उद्धार, गंगा अवतरण “नगर दर्शन की प्रस्तुति भावपूर्ण रही

चौथे दिन दर्शकों ने लीला मंचन में फुलवारी और धनुष यज्ञ का खूब आनंद लिया

 

 

अनिल कुमार द्विवेदी

बी न्यूज दैनिक

 

गोंडा : प्रसिद्ध व ऐतिहासिक नवाबगंज की रामलीला चरम पर है। शाम होते ही गांधी चौक स्थित रामलीला मैदान में दर्शकों की भीड़ उमङने लगती है। राजू मिश्रा के नेतृत्व मे बालाजी आदर्श रामलीला मंडल के प्रतिभावान कलाकार अपनी शानदार प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत रहे हैं। लीला मंचन मे तीसरे दिन विश्वामित्र के साथ जा रहे राम लक्ष्मण ने एक आश्रम में एक शिला देखकर विश्वामित्र से उसके बारे में पूछा। तो उन्होंने गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या के शिला रूप होने की जानकारी दी। अहिल्या ने प्रभु चरणों की वंदना करके पति लोक को प्रस्थान किया। यह दृश्य अत्यंत ही प्रभावपूर्ण रहा। इसके बाद वे तीनों गंगा तट पहुंचे। जहां पंडा लोगों का समूह एकत्रित था। सभी भंग की तरंग में मौजें मना रहे थे। भगवान राम, लक्ष्मण और विश्वामित्र जी के आगमन पर सभी पंडागण अपने-अपने घाट पर स्नान करने का आग्रह करने लगे। जनकपुर में राजा जनक ने मंत्रियों के साथ आकर उनका स्वागत किया और सुंदर सदन में विराजमान किया। लक्ष्मण की लालसा पूरी करने के लिए श्री राम ने गुरु से आज्ञा प्राप्त कर उन्हें नगर दर्शन कराने ले गये। कार्यक्रम के चौथे दिन के दौरान जब राम और लक्ष्मण ताड़का को मार देते हैं। यह बात सुबाहु मारीच को पता लगती है। सुबाहु मारीच ताड़का का बदला लेने के लिए राम व लक्ष्मण से युद्ध करने वन में आते हैं। और युद्ध करते-करते सुबाहु मारा जाता है व मारीच डर कर भाग जाता है। इस दौरान भगवान राम वन के रास्ते में अहिल्या रूपी शीला का उद्धार करते हैं। भगवान विश्वामित्र जी से शिला के बारे में पूछते हैं तब विश्वामित्र जी कहते हैं कि यह अहिल्या है जो गौतम ऋषि के श्राप के कारण पत्थर बन गई। आप इसे अपने चरणों से स्पर्श करके अहिल्या रूप में बना दें। तब भगवान चरण स्पर्श से अहिल्या को श्राप मुक्त करते हैं। इसके बाद रामलीला में राजा जनक अपनी पुत्री सीता के विवाह के लिए एक स्वयंवर धनुष यज्ञ का आयोजन करते हैं। निमंत्रण पाने के बाद विश्वामित्र जी राम लक्ष्मण को अपने साथ लेकर वहां पहुंचते हैं। जहां फुलवारी में फूल तोड़ने के दौरान उनकी मुलाकात सीता से होती है। देर रात तक चले रामलीला को यहीं पर विराम दिया जाता है। इस अवसर पर रामलीला कमेटी के अध्यक्ष दिलीप चौधरी, सीताराम गुप्ता, श्री किशन, राम बाबू गुप्ता, नीतीश केशरवानी, विरेन्द्र गुप्ता टीटू, राम नारायण, संजय अग्रवाल, राजू दोसर वैश्य, मदन लाल बेचू बाबा, सहित सैकड़ो दर्शक उपस्थित रहे।

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