श्री कृष्ण जन्म स्थान मामले में सुनवाई के लिए 3 अप्रैल की डेट लगी

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में हिन्दू पक्षकार द्वारा मुस्लिम प्रतिवादियों की सामूहिक प्रतिनिधित्व की याचिका पर उठाई आपत्ति
प्रयागराज १९ मार्च
बीके यादव/ बालजी दैनिक
इलाहाबाद हाई कोर्ट में कोर्ट 79 में जस्टिस मिश्रा की अदालत में श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़े मुकदमे की सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष की ओर से अधिवक्ता रीना एन सिंह ने एक हिंदू वादी द्वारा सभी मुस्लिमों को प्रतिवादी के रूप में शामिल करने की याचिका पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने तर्क दिया कि इस प्रकार की मांग अस्पष्ट,अत्यधिक व्यापक और कानूनी रूप से अव्यवहारिक है,अधिवक्ता रीना एन सिंह ने अपने आपत्ति पत्र में कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा किया गया यह अनुरोध न्यायालय की प्रक्रिया को भटकाने वाला है और इसे, न्यायालय की अवमानना, झूठे हलफनामे और मिथ्या बयान, के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी वादी “सीपीसी के ऑर्डर 1 रूल 8” के तहत प्रतिवादियों का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता और यदि प्रतिवादी सामूहिक रूप से प्रतिनिधित्व चाहते हैं, तो उन्हें स्वयं इसके लिए आवेदन करना होगा। हिन्दू पक्षकार द्वारा ऐसा करना सनातन धर्म का अपमान है,उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि इस मामले को अविलंब खारिज किया जाए क्योंकि वादी स्वयं प्रतिवादियों की ओर से प्रतिनिधित्व करने की मांग कर रहा है, जो संवैधानिक रूप से प्रश्नगत और कानूनी रूप से अस्वीकार्य है। अदालत में दी गई इस आपत्ति पर अब अगली सुनवाई में विचार किया जाएगा।
अदालत की अगली सुनवाई 3 अप्रैल 2025 को है।