दर्जनों शिकायती पत्र देने के बावजूद भी नही हो रही खेत की सही पैमाइस ।
मिश्रित सीतापुर / गलत पैमाइश करके कमजोर तबके के एक व्यक्ति के खेत में रास्ता निकाल दिए जाने से नाराज पीड़ित न्याय पाने के लिए पांच बार तहसील के उपजिलाधिकारी सहित आइजीआरएस पोर्टल पर शिकायत करने के बाद भी न्याय न मिलने पर पीड़ित परिवार सहित जिला मुख्यालय पर हड़ताल करने के लिए पहुंचा । वहां से एक जिम्मेदार अधिकारी ने उसे पुनः कार्यवाही के लिए तहसील मुख्यालय भेज दिया । यहां भी मांमले में न्यायोचित कार्यवाही तो नहीं हुई उल्टे तहसील के जिम्मेदार अधिकारियों ने उसे झांसा पट्टी पढ़ाकर कार्यवाही का आश्वासन देते हुए पुनः वापस घर भेज दिया । मांमले में गंभीर प्रश्न यह आ खड़ा हुआ है । कि पीड़ित को कैसे मिलेगा न्याय ? और कौन करेगा न्यायोचित कार्यवाही ? प्राप्त जानकारी के अनुसार मिश्रित तहसील अंतर्गत ग्राम भवानीपुर मजरा जालेपारा परगना मछरेहटा निवासी कालीचरन पुत्र छोटे लाल का आरोप है । कि उसकी भूमि गाटा संख्या 492 रकबा 0.271 हेक्टेयर पर उसके पड़ोसी गांव के ही सुधाकर पुत्र खगेश्वर जो किसी विद्यालय में सरकारी अध्यापक भी हैं । ने कुछ अंश पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है । तथा अपने सहयोगी अमरेंद्र सिंह पुत्र कैलाश के साथ मिलकर उसका निरंतर उत्पीड़न कर रहे हैं । पीड़ित का आरोप है कि वह अपनी भूमि की पैमाइश कराकर अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए तहसील के उपजिलाधिकारी को पांच बार प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगा चुका है । उसका यह भी आरोप है । कि विपक्षियों के दबाव में गलत पैमाइश कराकर उसके ही खेत में जबरिया रास्ता निकाल दिया है । शिकायतकर्ता का यह भी आरोप है । कि वह मुख्य मंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत करके न्याय की फरियाद कर चुका है । लेकिन विडंबनाओ के चलते उसे न्याय नहीं मिल पा रहा है । न्याय पाने की आस में पीड़ित ने जनपद के जिलाधिकारी को शिकायती पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई थी । कि अगर उसे 4 जनवरी तक न्याय न मिला तो वह जिला अधिकारी न्यायालय के सामने परिवार सहित भूख हड़ताल पर बैठ जाएगा । इसी क्रम में पीड़ित अपने परिवार सहित 29 जनवरी को सुबह विकास भवन के संनिकट धरने पर बैठने के लिए गया था । वहां से उसे किसी सक्षम अधिकारी द्वारा वापस तहसील पर कार्यवाही कराने के वास्ते भेज दिया गया । इसी को लेकर वह दोपहर उपजिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष परिवार सहित आकर बैठा था । यहां भी उसके हाथ सिर्फ आश्वासन की घुट्टी ही लगी । प्रश्न उठता है । कि आखिर न्याय पाने के लिए वह किससे करें गुहार ?