तुलसी सत्संग भवन में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव, भजनों पर झूमे भक्त: डॉ प्रभाकर शरण
आचार्य स्कंददास अयोध्या
अयोध्या धाम । श्री राम नगरी के स्थित तुलसी सत्संग भवन सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस की बेला में व्यास पीठ से डॉ.प्रभाकर शरण महाराज ने जैसे ही भगवान कृष्ण के जन्म के अद्भुत प्रसंग की व्याख्या की और कहां कि इस पावन धराधाम पर भगवान कृष्ण का अवतरण हुआ पूरा परिसर नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल के जयकारे से गुंजायमान हो उठा और भक्तगण मंत्रमुग्ध होकर नाचने लगे। प्रभाकर जी महाराज व्यासपीठ से भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की सुन्दर कथा का वर्णन करते हुए कहा जो प्राणी अपने आराधना के श्रद्वापुष्प प्रभु श्रीकृष्ण के चरणों में अर्पित करता है,अर्थात् जो श्रीकृष्ण की शरणागत है वह सदा अभ्युदय पूर्ण जीवन जीकर मुक्ति का अधिकारी बनता है। तथा उसके रोग, शोक, दुःख, द्ररिदता एंव विपदाओं का हरण हो जाता है। श्री महाराज जी ने बताया कि श्रीमद्भागवत मे भगवान ने कहा कि जब मनुष्य में अहम हो जाएं वहां मेरा दर्शन नहीं हो सकता। ईश्वरीय प्रेम के बिना मानवीय जीवन का कल्याण नहीं हो सकता और व्यासपीठ से महाराज जी जैसे ही भगवान पारब्रह्म परमेश्वर श्री कृष्ण भगवान के जन्म की कथा कहने लगे और कहा कि प्रभु कारागार में उतार ले लिए पूरा मंदिर भगवान कृष्ण के जयकारे से गुंजायमान हो उठा और चारों ओर हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की जयकारे से गुंजायमान होने लगा उपस्थित सभी लोग भाव विभोर होकर के नाचने लगे ऐसा विहंगम दृश्य देखकर सभी लोग भाव विभोर हो गए और भगवान कृष्ण की आरती गाने लगे।इस अवसर पर बाल व्यास गोपालानंद महाराज एवं समस्त सत्संग परिवार उपस्थित रहे। ताकि विश्राम बेला पर यजमान अंजनी देवी आरती उतारी और प्रसाद वितरण किया गया।