उत्तर प्रदेशप्रयागराज

महाकुंभ में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम, भारतीय संस्कृति की झलक से अभिभूत हुए श्रद्धालु

प्रयागराज
06.02.2025

बीके यादव/बालजी दैनिक

महाकुंभ 2025 के पावन अवसर पर श्रद्धा और भक्ति के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी भव्य प्रस्तुति देखने को मिल रही है। देशभर से आए कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए जा रहे लोकनृत्य, संगीत और लोक कला के कार्यक्रमों से श्रद्धालु को मंत्रमुग्ध हो रहे हैं। आध्यात्म, कला और संस्कृति के मेले में संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कुंभ के दौरान गुरुवार से लोकनृत्यों की मनोरम प्रस्तुतियों से कलाग्राम फिर से गुलजार हो उठा। विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने भव्य मंच पर अपनी भावभंगिमाओं से दर्शक दीर्घा तक प्रभाव जमाया।

कार्यक्रम की शुरूआत छत्तीसगढ़ से आए दुष्यंत द्विवेदी ने पंडवानी गायन की प्रस्तुती से की। उनके द्वारा महाभारत के प्रसंगों के साथ श्रीकृष्ण अर्जुन संवाद व द्रौपदी विवाह की सुमधुर प्रस्तुति ने लोगों का दिल जीत लिया। परंपरागत वेशभूषा में कलाकारों ने जैसे ही वाद्ययंत्रों की धुन पर दोहों का गायन करते हुए महाभारत कथा कहनी शुरू कि तभी दर्शकों की तालियां शुरू हो गईं। महाभारत के कई प्रसंगों के साथ स्वयंवर के समय धनुषधारी अर्जुन द्वारा ऊपर छत पर गोलकार घूमती हुई मछली को बेधकर जीत हासिल करने के प्रसंग का वर्णन किया गया। इसके बाद ढोलक, चिमटी, बांसुरी, रमतूला लोक वाद्ययंत्रों पर धोती, कुर्ता, साफा के परिधानों में नैना वंद लागे कईयो चोली वंद लागे कहियो पीपर को पत्ता डुलत नैया गीत पर मध्य प्रदेश से आए अभिलाष चौबे एवं दल द्वारा बधाई नृत्य की प्रस्तुति देकर लोगों को खूब आनंदित किया। इसके बाद महाराष्ट्र से आए शेखर निरंजन भाकरे एवं दल द्वारा सोंगी भारुड नृत्य की प्रस्तुति दी गयी। जम्मू कश्मीर से आई रशिका कौल एवं दल ने कश्मीरी पंडित लोकनृत्य की प्रस्तुति दी। उत्तराखंड से आए जितेन्द्र बलोनी एवं साथी कलाकारों ने फसल कटाई के मौके पर किया जाने वाला नृत्य चांचरी की प्रस्तुति देकर दर्शकों से खूब तालियां बटोरी। इसके बाद दुर्गा देवी और साथी कलाकारों द्वारा राजस्थान का प्रसिद्ध लोकनृत्य तेराताली की प्रस्तुति दी गई। इसके बाद पद्मश्री द्रोणा द्वारा असम का देवधानी नृत्य, पिली मेंटराजू द्वारा आंध्र प्रदेश का गरागालु नृत्य की प्रस्तुति दी।

श्रीराम भारतीय कला केंद्र द्वारा रामायण पर आधारित नृत्य नाटिका ने दर्शकों का मोहा मन-

श्रीराम भारतीय कला केंद्र ने रामायण पर आधारित नृत्य नाटिका का भव्य मंचन किया, जिसमें भारतीय संस्कृति, कला और भक्ति की अद्भुत झलक देखने को मिली। इस नृत्य नाटिका में भगवान राम के जीवन के प्रमुख प्रसंगों को नृत्य और नाटक के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। मंच पर त्रेता युग का जीवंत चित्रण हुआ, जिसमें राम-सीता विवाह, वनवास, सीता हरण, हनुमान की लंका यात्रा और रावण वध जैसे महत्वपूर्ण दृश्यों को अत्यंत प्रभावी ढंग से दिखाया गया। कलाकारों के सजीव अभिनय और नृत्य कौशल ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वही झूंसी सांस्कृतिक मंच पर आलोक कुमार श्रीवास्तव के निर्देशन में हनुमान और रावण के संवाद पर आधारित नाटक का मंचन किया गया।

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