उत्तर प्रदेशगोण्डा

डीएम नेहा शर्मा की जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा: कूटरचना में शामिल भू-माफियाओं पर एफआईआर के आदेश जारी

पैतृक भूमि पर भूमाफिया द्वारा फर्जीवाड़ा कर हड़पने की शिकायत पर जिलाधिकारी ने शुरू कराई थी जांच

सरकारी दस्तावेजों से छेड़छाड़ का खुलासा: 1979 के दस्तावेजों में हेरफेर कर 2019 में किया गया बैनामा

गोण्डा प्रशासन की बड़ी कार्रवाई: फर्जी विलेख तैयार करने वालों पर एफआईआर दर्ज

अनिल कुमार द्विवेदी
बी न्युज दैनिक

गोण्डा। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर और भूमाफियाओं द्वारा की गई संगठित जालसाजी के मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। यह मामला सरकारी अभिलेखों में कूटरचना, पैतृक भूमि की धोखाधड़ी और भूमाफियाओं द्वारा अवैध कब्जे से जुड़ा हुआ है। जिलाधिकारी ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए यह स्पष्ट किया कि प्रशासन ऐसी आपराधिक गतिविधियों पर पूरी तरह सतर्क है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

समाधान दिवस पर हुई थी शिकायत

मोतीगंज थाना क्षेत्र के ग्राम डड़वा दसवतिया निवासी पवन कुमार सिंह ने 4 जनवरी 2025 को जिलाधिकारी नेहा शर्मा के समक्ष शिकायती प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किया। इसमें पवन सिंह ने आरोप लगाया कि उनकी पैतृक भूमि, गाटा संख्या-196 मि0 (1.914 हेक्टेयर), को भू-माफियाओं ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से हड़पने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि उप निबंधक कार्यालय गोण्डा के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से वर्ष 1979 के जिल्द संख्या-904 के विलेख संख्या-163 के वास्तविक पन्नों को हटाकर कूटरचित पन्ने लगाए गए। इसके आधार पर गोरखनाथ सिंह के नाम से फर्जी विलेख तैयार किया गया और 2019 में अजय सिंह और अशोक कुमार सिंह ने इसी कूटरचित दस्तावेज के आधार पर भूमि का बैनामा करवा लिया।

डीएम ने कराई जांच, खुला साजिश का पर्दा

जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य राजस्व अधिकारी से जांच कराई। जांच रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि विलेख संख्या-163 में कूटरचना की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, उक्त दस्तावेज मानक से भिन्न थे और गलत तरीके से तैयार किए गए थे। अन्य विलेखों से इन दस्तावेजों में भिन्नता स्पष्ट नजर आई। इसके बाद पाया गया कि सरकारी प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए इन दस्तावेजों के माध्यम से भूमि का फर्जी हस्तांतरण किया गया।

प्रशासन का सख्त रुख

जांच रिपोर्ट मिलने के बाद जिलाधिकारी ने तुरंत एफआईआर दर्ज करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई का आदेश दिया। उन्होंने कहा, “सरकारी दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ और जालसाजी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।” साथ ही, जिलाधिकारी ने राजस्व विभाग को निर्देश दिया कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए निगरानी प्रणाली को और मजबूत किया जाए।

भ्रष्टाचार के खिलाफ डीएम की कड़ी चेतावनी

जिलाधिकारी नेहा शर्मा की इस कार्रवाई ने प्रशासनिक सख्ती और पारदर्शिता का एक मिसाल स्थापित किया है। उनकी कड़ी चेतावनी से यह स्पष्ट हो गया है कि अब भू-माफियाओं और सरकारी अभिलेखों में हेरफेर करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि दोषियों के खिलाफ त्वरित और ठोस कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी की यह कार्यवाही न केवल पीड़ितों के लिए राहत लेकर आई है, बल्कि यह प्रशासन की भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता को भी मजबूत करती है।

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