डीएम का आदेश ठंडे बस्ते में, भूमि धोखाधड़ी के मामले में नहीं हुई कार्रवाई

अनिल कुमार द्विवेदी
बी न्यूज दैनिक
गोण्डा। जिले के कर्नलगंज तहसील क्षेत्र के एक गांव में एक जड़ बुद्धि मूकबधिर व्यक्ति की भूमि को बिना जिलाधिकारी की अनुमति के फर्जी कूटरचित तरीके से बैनामा करा लिए जाने के गंभीर मामले में हुई शिकायत पर डीएम के द्वारा दिये गये तत्काल जांच के आदेश के बावजूद भूमि धोखाधड़ी से जुड़ा मामला स्थानीय अधिकारियों द्वारा ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है और अभी तक कोई कार्रवाई ना होने से जिम्मेदारों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
मामला कर्नलगंज तहसील व कोतवाली क्षेत्र के ग्राम कादीपुर का है। जहां एक जड़ बुद्धि व्यक्ति जो मूकबधिर था उसकी संपत्ति जिलाधिकारी के संरक्षण में थी। इस जड़ बुद्धि व्यक्ति के मृत्यु के बाद धरती के सौदागरों की निगाह उस जमीन पर पड़ गई और फिर एक कपटपूर्वक कूटरचित ढंग से गाटा संख्या 337/3.840 भूमि में जड़ बुद्धि व्यक्ति शिवपाल पुत्र गोविन्द प्रसाद की जमीन को गोमती नाम के व्यक्ति ने भावना अग्रवाल, अतुल अग्रवाल आदि के नाम से बैनामा कर दिया। जबकि शासन के आदेशों के अनुसार जड़ बुद्धि के वारिस के नाम तब तक जमीन नहीं हो सकती है जब तक जिलाधिकारी की एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) नहीं लगता है। लेकिन गोमती नाम के व्यक्ति ने धरती के सौदागरों के चक्कर में पड़कर जमीन का बैनामा कर दिया। ऐसे में कहीं ना कहीं बैनामा करने- कराने में रजिस्ट्रार को भी संलिप्त होना पाया जाता है। जो की इस वक्त एसआईटी के चंगुल में फंसकर जेल की रोटी तोड़ रहा है। वही इस प्रकरण में समाजसेवी संतोष शुक्ला ने पूरे प्रकरण की सही जांच कराकर कार्यवाही करने की जिलाधिकारी से अपील की थी। जिससे की धरती के सौदागरों का हौसला बुलंद ना हो सके और फिर भविष्य में इस कृत्य की पुनरावृत्ति ना हो। इस जालसाजी के पूरे खेल में तत्कालीन हल्का लेखपाल की भी मिलीभगत बताई जाती है। मामले को जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए कर्नलगंज के उपजिलाधिकारी को तत्काल जांच करने के निर्देश दिए थे लेकिन जिलाधिकारी का निर्देश कर्नलगंज तहसील के ठंडे बस्ते में दबकर रह गया। ऐसे में गंभीर सवाल यह भी उठता है कि कहीं भावना अग्रवाल और अतुल अग्रवाल के प्रभाव में आकर तो यह भूमि धोखाधड़ी की फाइल नहीं दब गई।