उत्तर प्रदेशसीतापुर

दबंग ठेकेदार ने साथियो संग पत्रकारों पर किया जानलेवा हमला दुकान में भी की तोडफ़ोड़

24 घंटे पहले हुए जानलेवा हमले के बाद भी स्थानीय पुलिस सहित क्षेत्राधिकार खामोश

रिपोर्ट सनोज मिश्रा

अटरिया सीतापुर जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के जनपद सीतापुर की सिधौली कोतवाली क्षेत्र के अटरिया थाना क्षेत्र में गौशाला में मानक विहीन निर्माण कर रहे ठेकेदार सहित दबंग बाइक सवार युवकों के द्वारा निजी दुकान में घुसकर पत्रकारों को जमकर मारने पीटने के बाद जान से मारने की कोशिश की गई किसी तरह मौजूद पत्रकारों ने असपड़ोस के घरों में घुसकर बचाई जान

जानकारी के अनुसार सीतापुर सिधौली कोतवाली क्षेत्र के अटरिया थाना क्षेत्र के कसावां ग्राम पंचायत में बने गौशाला में निर्माण कराया जा रहा था जिसमें मानकों की अनदेखी एव गुणवत्ता विहीन निर्माण कराए जाने की सूचना पर प्रकरण की जानकारी लेने गए पत्रकार गौरव मिश्रा को कवरेज के बाद उसके निजी भवन में जो की अटरिया नेशनल हाईवे निकट नई बाजार के पास भवन में ही एक स्टूडियो की दुकान चलता है उक्त भ्रष्टाचार उजागर होने से नाराज निर्माण कर रहे ठेकेदार जो की अटरिया थाना क्षेत्र के हीरपुर गांव का ही निवासी बताया जा रहा है जिसका नाम प्रदीप गुप्ता ने अपने साथी आलोक सिंह जोकि थाना क्षेत्र के बेड़सापुर गांव का निवासी बताया जा रहा है जिसने 2 दिन पूर्व ही अटरिया के हिंद हॉस्पिटल के पास एक मेडिकल स्टोर संचालक युवक जिसका नाम मोहित मिश्रा पुत्र सतीश मिश्रा जो कि थाना क्षेत्र के रनुवापारा गांव का निवासी है उसे पर भी अपने साथियों के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया गया है जिनकी तहरीर पहले ही पीड़ित मोहित मिश्रा द्वारा संबंधित थाना अध्यक्ष को दी गई थी किंतु पुलिस के लापरवाही के करण आलोक सिंह ने उसके दो दिन बाद ही गौशाला में निर्माण कार्य कर रहे ठेकेदार प्रदीप गुप्ता से के कहने पर आलोक सिंह मयंक शर्मा राहुल गुप्ता ज्ञानू यादव एवं लगभग दो दर्जन युवकों द्वारा कस्बे में स्थित स्टूडियो में मौजूद पत्रकार गौरव मिश्रा अमन राज एवं ज्ञानेंद्र मिश्रा को दुकान में घुसकर एक साथ मिलकर मारने पीटने लगे किसी तरह तीनों पत्रकारों ने अपनी जान बचाने के लिए आसपास की सुरक्षित जगहों पर छुपाने पर विवश हो गए संबंधित प्रकरण की जानकारी अटरिया थाना अध्यक्ष रोहित दुबे को तत्काल मदद भेजने के लिए फोन किया गया किंतु तब तक दबंग युवकों ने पत्रकारों को पीट-पीट कर बेहाल कर दिया और करीब एक दर्जन मोटरसाइकिल हवा में लहराते हुए मौके से फरार हो गए घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने कोई भी संतुष्ट जनक कार्यवाही नहीं की घटना से पीड़ित पत्रकारों ने संबंधित प्रकरण को लेकर अटरिया थाना अध्यक्ष रोहित दुबे को नहीं अभियोग दर्ज करने की बात कही गई किंतु फोन पर हो रहे संपर्क में थाना अध्यक्ष ने अपने ना होने की बात कहते हुए तहरीर को कार्यवाहक थाना अध्यक्ष को देने की बात कही किंतु शिकायत पत्र दिए जाने के बाद भी संबंधित पुलिस द्वारा ना ही एफआईआर दर्ज की गई और ना ही किसी प्रकार का कोई ठोस कदम उठाते हुए अपराधियों की धर पकड़ की गई अटरिया पुलिस के द्वारा मामले मैं गंभीरता ना दिखाने के लिहाज से लगभग दो दर्जन पत्रकारों ने क्षेत्राधिकार सिधौली को प्रार्थना पत्र सौपा है किंतु क्षेत्राधिकार के रवैया से साफ जाहिर हो रहा था कि वह भी मामले को गंभीरता पूर्वक नहीं ले रहे हैं जबकि प्रदेश के मुखिया द्वारा पहले ही पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर विशेष दिशा निर्देश दिए गए थे साथ ही प्रदेश के डीजीपी द्वारा पत्रकार व पत्रकार के परिवार की सुरक्षा को लेकर संबंधित पुलिस अधिकारियों को लिखित आदेश देकर यह सूचित किया गया था कि पत्रकार या पत्रकारअभी के परिवार की सुरक्षा पर लापरवाही ना हो फिर भी स्थानीय पुलिस अभी तक कोई कदम नहीं उठाए हैं

प्रदेश के पत्रकारों की समस्याओं और सुरक्षा को लेकर यूपी पुलिस ने सभी कप्तानों से दी ये जानकारियाँ तलब

पत्रकारों की समस्याओं के निराकरण के लिए डीजीपी ने सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों-पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेजकर इसके लिए लिए नोडल अधिकारी बनाने का आदेश दिया है.

डीजीपी ने यह पत्र प्रदेश में पत्रकारों व उनके परिजनों पर बिना जांच के दर्ज होने वाले मुकदमों की लगातार शिकायत मिलने के बाद भेजा है.

यूपी पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार के निर्देश पर एडीजी कानून एवं व्यवस्था ने प्रदेश के सभी पुलिस आयुक्त, एसएसपी, एसपी को पत्रकार एवं उनके परिवार से जुड़े बिंदुओं से संबंधित सवालों का एक पत्र 27 अगस्त को जारी कर दो दिन में उसका जवाब मांगा है.

इसके लिए दिए गए फॉर्मेट पर जोनल आईजी के माध्यम से जानकारियां भेजी जानी हैं…

सीतापुर के पत्रिकारो की टिप्पणी-

ख़बरों को लेकर पत्रकारों पर हमले साजिशन उन्हें फसाने उनके साथ दुर्व्यवहार की घटनाओं को मद्देनजर यूपी के डीजीपी की तरफ से जिले के सभी पुलिस अधिकारियों को पत्रकारों की सुरक्षा आदि के सम्बंध में निर्देश दिया गया है कि पत्रकारों की समुचित सुरक्षा के साथ उनके साथ शिष्ट व्यहवार अमल में लायें और उनकी समस्याएं त्वरित निस्तारित करायें।
और जोन के अपर पुलिस महानिदेशक को रिपोर्ट करते हुऐ कहा गया है कि1- पत्रकारों की समस्याओं के निराकरण हेतु एक सक्षम अधिकारी नामित हैं या नही.? 2-पत्रकारों के जीवनभय के दृष्टिगत सुरक्षा व्यवस्था एवं उनके साथ शिष्ट व्यहवार किया जा रहा है या नहीं.? 3-पत्रकारों व उनके परिजनों के विरुद्ध मिथ्या तहरीर के आधार पर अभियोग तो पंजीकृत नही किये जा रहें.?

पहल तो नेक है। मगर देखना यह होगा की अटरिया कस्बे में हुए हमले मे यह पहल हवा-हवाई है या इसको पुलिस अधिकारी अमल में लाते हैं।

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