अफसरों व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते ग्राम समाधान दिवस साबित हो रहा फ्लॉप
बालजी दैनिक
जाना बाजार (अयोध्या ) l सरकार के द्वारा जनता की समस्याओं के निस्तारण के लिए ग्राम पंचायतों में मंगलवार को लगने वाले समाधान दिवस में नोडल अफसरों व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते ग्राम समाधान दिवस फ्लॉप शो साबित हो रहा है । जागरूकता के अभाव में फरियादी ही नहीं आ रहे है। उल्टे ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी गांव को समस्या विहीन बताकर अपना अपना पल्लू झाड़ कर कागजी कोरम पूरा करने में जुटे हैं । परंतु वही कुछ ग्राम प्रधान अपनी जिम्मेदारियां का निर्वाह करते दिखाई दिए । विकासखंड तारुन क्षेत्र की विभिन्न ग्राम पंचायतों में शासन की मंशानुरूप सरकारी योजनाओं से पात्रों को लाभान्वित करने व गांव की समस्याओं को ग्राम स्तर पर ही समाधान करने के लिए सरकार ने कार्यक्रम चलाया है। जिसके अंतर्गत मंगलवार को ग्राम सचिवालयों पर नोडल अधिकारी के साथ में ग्राम स्तर के सभी कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य की है । परंतु यह कार्यक्रम पूरी तरह अफसर शाही का शिकार होता दिखाई दिया । मंगलवार को विकासखंड की ग्राम पंचायत मैहर कबीरपुर में ग्राम प्रधान ग्राम समाधान दिवस में नहीं आए और ग्राम विकास अधिकारी शुभम शुक्ला 10:30 बजे सचिवालय पर पहुंचे। उसके पहले सफाई कर्मी, पंचायत सहायक मौजूद दिखाई पड़े । उस वक्त तक समाधान दिवस में कोई फरियादी भी नहीं दिखाई दिया। यही हाल ग्राम पंचायत जजवारा में ग्राम प्रधान विंध्या प्रसाद यादव ग्राम विकास अधिकारी रजनीश वर्मा तथा राजस्व कर्मी हरिओम के अलावा सफाई कर्मी एवं पंचायत सहायक उपस्थित रहे । यहां पर कई फरियादी अपनी समस्याएं लेकर आए जिसे उपरोक्त लोगों ने सुना । ग्राम सभा गौहानी खुर्द में ग्राम प्रधान ग्राम सभा में कभी आते ही नहीं है। वह अपना परिवार कहीं दूसरी जगह लेकर रहते है। समाधान दिवस में अकेले ही ग्राम विकास अधिकारी माता प्रसाद व पंचायत सहायक गांव के लोगों की समस्याओं को सुनकर उनका निस्तारण करने का आश्वासन दिया ।
ग्राम पंचायत थरियाकला में जागरूकता देखने को मिली जहां प्रधान प्रतिनिधि संतराम की अध्यक्षता में सिंचाई विभाग के राजेश वर्मा, पंचायत सहायक, सफाई कर्मी तथा नोडल अधिकारी की अनुपस्थिति में उनके प्रतिनिधि के रूप में अजय गौतम ने ग्राम सभा से आए हुए फरियादियों को शौचालय , पेंशन आवास जैसी मिलने वाली समस्याओं का निदान किया । और फरियादियों को आश्वासन दिया कि उनका कार्य जल्द करवा दिया जाएगा । इसी तरह ग्राम पंचायत रखौना में भी ग्राम विकास अधिकारी संदीप कुमार व प्रधान मोहन यादव ने गांव सभा के लोगों की समस्याएं सुनी । विकासखंड तारून की 16 ग्राम पंचायतों में होने वाले ग्राम समाधान दिवस का कुछ यही पुरसाहाल रहा ।
कई ग्राम पंचायत में प्रधान नहीं आए तो कई ग्राम पंचायतों में ग्राम विकास अधिकारी ही नहीं पहुंचे यदि कहीं पहुंचे भी तो वहां जन जागरूकता के अभाव में कोई फरियादी अपनी समस्याएं ही नहीं लेकर पहुंचे ।
सरकार ग्राम समाधान दिवस पर भले ही विभिन्न ग्राम पंचायतों में नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिया है परंतु यह नियुक्त नोडल अधिकारी अपने आप को किसी बड़े अफसर से कम नहीं समझते हैं। इसलिए ग्राम समाधान दिवस में पहुंचना अनिवार्य नहीं समझ रहे हैं। जिनके कारण ग्राम समाधान दिवस को सभी लोग मिलकर पलीता लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं । जबकि ग्राम सभाओं में लोगों को किसान सम्मान निधि, विकलांग पेंशन आवास ,शौचालय, नाली , सड़क ,खडजा आदि समस्याओं से जूझ रहे पात्र लोग आज भी आस लगाए बैठे हैं । उन्हें आयोजनों के बारे में पता ही नहीं है। जिसके अभाव में लोग तहसील जिले का चक्कर काटने को मजबूर है ।