शैक्षिक भ्रमण छात्रों के लिए किताबों की सीमाओं को पार करके सीखने का एक मौका – जितेंद्र कुमार यादव

छात्रों को किताबों में पढ़े गए सिद्धांतों का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त होता – आदर्श कुमार सिंह

सुशील कुमार मौर्य/ बालजी दैनिक
मयाबाजार, अयोध्या l शैक्षिक भ्रमण शिक्षा को रोचक बनाने और छात्रों को सीखने में संलग्न करने का एक शानदार तरीका है। जब वे किताबें पढ़ने के बजाय वास्तविक जीवन में चीजों को देखते हैं, तो वे चीजों को बेहतर ढंग से समझते हैं और उन्हें लंबे समय तक याद रखते हैं। व्यावहारिक शिक्षा छात्रों को अधिक सीखने के लिए प्रेरित करती है और जिज्ञासा पैदा करती है उक्त बातें स्काउट मास्टर जितेंद्र कुमार यादव ने नन्द किशोर सिंह इंटर कालेज मया बाजार अयोध्या के एक दिवसीय शैक्षिक भ्रमण के दौरान कहीं। श्री यादव ने कहा कि इस तरह के दौरे छात्रों को नए वातावरण, संस्कृतियों और दृष्टिकोणों से परिचित कराते हैं। छात्रों को नई नई चीजों से परचित कराते हुए कहा कि प्रधानाचार्य आदर्श कुमार सिंह ने कहा कि वे छात्रों को विभिन्न भौगोलिक स्थानों, ऐतिहासिक स्थलों, पारिस्थितिकी तंत्रों या कलात्मक उत्कृष्ट कृतियों का पता लगाने में सक्षम बनाते हैं। प्रधानाचार्य श्री सिंह जी ने कहा कि शैक्षिक भ्रमण ज्ञान प्राप्त करने की जिम्मेदारी स्वयं छात्रों पर डालकर स्वतंत्र शिक्षण को प्रोत्साहित करते हैं l शैक्षिक भ्रमण के दौरान, छात्र नई चीजें सीखने, प्रश्न पूछने, जिज्ञासु बनने और स्वयं उत्तर खोजने के लिए जिम्मेदार होते हैं। । इस अवसर पर नन्द किशोर सिंह इंटर कॉलेज के शिक्षक स्टाफ के साथ समस्त छात्र छात्राएं मौजूद रही l

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