कौशाम्बी जिले के विभिन्न विद्यालयों में उद्यमिता सम्मेलन संपन्न

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आर्थिक प्रकल्प स्वदेशी जागरण मंच एवं स्वावलम्बी भारत अभियान में कौशाम्बी जनपद के फ्रेंड सेंट फ्रांसिस स्कूल बेरूआ, पंडित जगत नारायण विद्या निकेतन इंटरमीडिएट कॉलेज रामदयालपुर तथा आदर्श ग्राम सभा इंटरमीडिएट कॉलेज शर्मा में उद्यमिता सम्मेलन का आयोजन किया गया।
उद्यमिता सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्वावलंबी भारत अभियान काशी प्रांत के सह समन्वयक डॉ अरुण कुमार त्रिपाठी ने कहा कि भारत को बेरोजगारी से मुक्त करने, भारत को गरीबी रेखा से के नीचे जीवन यापन करने वाले नागरिकों से मुक्त करने, बिलो पॉवर्टी लाइन की संकल्पना को समाप्त करने ,भारत को स्वदेशी अर्थव्यवस्था के अनुरूप भारत को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने का अभियान, स्वावलंबी भारत अभियान है। स्वदेशी जागरण मंच का संकल्प है कि भारत के ऐसे युवा जो 15 आयु वर्ष से लेकर 29 आयु वर्ष तक हैं, उन सभी युवाओं को उद्यमिता की ओर उन्मुख करना है। भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश को एंटरप्रेन्योरशिप, स्टार्टअप तथा यूनिकॉर्न कंपनियों की स्थापना करके भारत के प्रत्येक युवा के हाथों को कम तथा खेतों को पानी की उपलब्धता कराई जा सकती है। स्वदेशी दृष्टि से भारत का आर्थिक विकास करना इसलिए आवश्यक है कि भविष्य में पर्यावरण को भी हानि नहीं पहुँचेगी। पर्यावरण संरक्षित विकास में ही भारत का भावी भविष्य निश्चित है। विश्व में दो तरह की अर्थव्यवस्था है ।एक पूंजीवादी अर्थव्यवस्था है जो शोषण पर आधारित है। दूसरी अर्थव्यवस्था वैज्ञानिक समाजवाद की या मार्क्सवादी अर्थव्यवस्था है जिसमें व्यक्ति को मशीन समझ लिया जाता है ।इसी का परिणाम हुआ कि विश्व में 1991 में रूस के विघटन के बाद साम्यवाद का लौह आवरण का विध्वंस हो गया। चीन ने साम्यवाद को भी एक आडंबर के रूप में स्वीकार किया है ।परंतु वह भी प्रकार प्रकारान्तर से पूंजीवाद है। पूंजी बाद और साम्यवाद दुनिया का असफल राजनीतिक ,सामाजिक, आर्थिक दर्शन है। भारत विश्व का तीसरा विकल्प है।जो विश्व को सही मार्ग दिखा सकता है। जिसमें शोषण के लिए कोई स्थान नहीं है। भारत को आर्थिक रूप से समृद्ध, विश्व गुरु तभी बनाया जा सकता है जब हम स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करेंगे। प्रत्येक युवा को उद्यमिता सिखाएंगे और सरकारी नौकरी का आश्रय छोड़ेंगे। तब भारत स्वावलंबन स्वाभिमान और और राष्ट्रवाद से ओत्प्रोत तथा समरस होगा भारत होगा जिसमें प्रत्येक भारतीय नागरिक का सम्मान होगा।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ रजनीश ने कहा कि भारत में विशाल पैमाने पर बेरोजगारी का एकमात्र विकल्प स्वरोजगार है। स्वरोजगार अपनाएंगे देश को समृद्ध बनाएंगे। मात्र नारा नहीं बल्कि प्रत्येक युवा का संकल्प होना चाहिए।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रभाकर दुबे एडमिन रूद्रा फाउंडेशन ने कहा कि स्वरोजगार भारत की उन्नति का मार्ग है। भारत में पहले नौकरी की संकल्पना नहीं की थी बल्कि भारत के गांव अपने समस्त उत्पादन करते थे और भारत का गांव आत्मनिर्भर था हमें उसे अतीत को स्थापित करना पड़ेगा।
सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए सेंट फ्रांसिस स्कूल बैरवा के प्राचार्य इराल्ड डिसूजा ने कहा कि भारत का आर्थिक मॉडल दुनिया का सर्वाधिक श्रेष्ठ मॉडल है जिसमें शोषण के स्थान पर सम्मान और विभाजन के स्थान पर सरसता पाई जाती है।
इसके अतिरिक्त कार्यक्रम को श्री प्रदीप कुमार पाण्डेय, श्री ज्ञान प्रकाश तथा शालू शुक्ला ने भी सम्बोधित किया।
कार्यक्रम का सम्पूर्ण समायोजन स्वदेशी जागरण मंच के जिला संयोजक अनूप कुमार मिश्रा ने किया तथा सम्मेलन में आए हुए समस्त अतिथियों के प्रति औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन किया तथा कौशांबी जनपद को स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग वाला जनपद बनाने का संकल्प व्यक्त किया। तीनों कार्यक्रमों में लगभग 3000 से अधिक छात्र-छात्राओं ने सहभागिता सुनिश्चित की। इसी के साथ सम्मेलन में लगभग 100 अध्यापकों का सहयोग प्राप्त हुआ ।