उत्तर प्रदेशगोण्डा

मातृत्व अवकाश पर होने के बाद भी गरीब असहायों की निशुल्क करती हैं सेवा व उपचार

अनिल कुमार द्विवेदी
बी न्यूज दैनिक

गोण्डा। अगर सेवा करने की चाह हो तो किसी भी परिस्थिति में किया जा सकता है। इस बात को साबित किया है नर्सिंग अधिकारी नेहा पाण्डेय ने, जिन्होंने 28 अक्टूबर को एक पुत्री को जन्म दिया नियमानुसार उसके बाद उनको मातृत्व अवकाश प्राप्त हुआ। उसके बाद से भी उनके अंदर कार्य करने की इतनी लगन थी कि वह गरीबों और असहाय महिलाओं की कर रही है। निःशुल्क सेवा उनके इस कार्य से सभी लोगों के बीच में उनके इस कार्य की बहुत प्रशंसा हो रही है। वो कहती है कि मेरा पूरा जीवन लोगो की सेवा के लिए समर्पित रहेगा। नेहा पाण्डेय ने बताया कि आने वाले समय में अधिक से अधिक लोगों की सेवा करना हमारा प्रयास रहेगा। उनका कहना है कि जिस अस्पताल में मैं कार्यरत पर हूं उस अस्पताल में गरीब एवं असहाय लोगों की पूरी मदद करती हैं और हमेशा करती रहूंगी। नेहा पाण्डेय का कहना है कि अगर आपके आसपास कोई गरीब या जरूरतमंद है, तो आप सीधे उन्हें भोजन, कपड़े, या जरूरी सामान देकर मदद कर सकते हैं। कभी-कभी किसी को तुरंत सहायता की जरूरत होती है, और आपके द्वारा दी गई सीधी मदद उनकी स्थिति को सुधार सकती है।

शिक्षा और कौशल विकास:

किसी गरीब व्यक्ति या उनके बच्चों को पढ़ाई में मदद करके या उन्हें नए कौशल सिखाकर आत्मनिर्भर बनने में सहायता कर सकते हैं। यह एक दीर्घकालिक मदद है, क्योंकि शिक्षा और कौशल ही व्यक्ति को गरीबी से बाहर निकलने का रास्ता दिखाते हैं।

स्वास्थ्य सेवाएं:

जरूरतमंद लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं एक बड़ी जरूरत होती है। आप किसी गरीब परिवार को चिकित्सा सुविधा दिलाने में मदद कर सकते हैं, चाहे वो डॉक्टर से मिलवाना हो या दवाइयाँ दिलवाना। इसके लिए आप स्थानीय स्वास्थ्य शिविरों में भी योगदान कर सकते हैं।

समाज सेवा संगठनों से जुड़ें:

बहुत सारे समाज सेवा संगठन गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए काम कर रहे हैं। आप इन संगठनों के साथ जुड़कर सामूहिक रूप से मदद कर सकते हैं। इससे आप ज्यादा से ज्यादा लोगों की सहायता कर पाएंगे।

दक्षता से दान दें:

ध्यान रखें कि जरूरतमंदों की मदद के लिए दान देते समय यह सुनिश्चित करें कि आपका दान सही व्यक्ति या संगठन तक पहुंचे। आप विभिन्न एनजीओ
या चैरिटी संगठनों को दान दे सकते हैं, जो विश्वसनीय हैं और सही तरीके से मदद पहुंचाते हैं।

समय और ध्यान दें:

कभी-कभी जरूरतमंद लोगों को सिर्फ आर्थिक मदद की ही जरूरत नहीं होती, बल्कि कोई ऐसा चाहिए जो उनकी बात सुने और उन्हें मानसिक समर्थन दे। आप समय निकालकर जरूरतमंद लोगों से बात करें, उनकी परेशानियों को सुनें और उन्हें समाधान के रास्ते सुझाएँ। जरूरतमंदों की मदद करने के कई तरीके हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आप उनके लिए संवेदनशील बनें और अपनी क्षमताओं के अनुसार मदद करें। जब भी आप किसी की मदद करें, यह सुनिश्चित करें कि यह उस व्यक्ति के जीवन में स्थायी बदलाव लाने में सहायक हो।

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