फॉर्मर रजिस्ट्री किसानों के गले की बनी फांस,हो रहा शोषण
अनिल कुमार द्विवेदी
बी न्यूज दैनिक
गोण्डा। सरकार द्वारा संचालित की जा रही फॉर्मर रजिस्ट्री किसानों के लिए गले की फांस बनती जा रही है। पहले विभाग द्वारा टीम बनाकर गांवों में कैंप लगाकर फॉर्मर रजिस्ट्री को कहा गया था। वहीं अब किसानों को जन सुविधा केंद्र पर जाकर फॉर्मर रजिस्ट्री करानी पड़ रही है। सर्वर की दिक्कत के साथ आधार व खतौनी में नाम मिलान न होने से फॉर्मर रजिस्ट्री कराने में बाधा आ रही है। वही किसानों का समय के साथ पैसा भी बर्बाद हो रहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में फर्जीवाड़ा रोकने व किसानों के खेतों का डिजिटलीकरण के लिए शासन के निर्देश पर फॉर्मर रजिस्ट्री की शुरुआत की गई थी। फॉर्मर रजिस्ट्री के लिए कृषि विभाग,विकास विभाग व राजस्व कर्मियों की टीम बनाई गई थी। जिन्हें ग्राम पंचायतों में बने पंचायत भवन पर जाकर किसानों की फॉर्मर रजिस्ट्री कर किसान कार्ड बनाना था। योजना में लगे कर्मियों द्वारा जब फॉर्मर रजिस्ट्री में देरी होने लगी तो किसानों को जन सुविधा केंद्र पर फॉर्मर रजिस्ट्री कराने के लिए कहा गया। वहीं यह भी बताया गया कि जिन किसानों की फॉर्मर रजिस्ट्री नहीं होगी उन्हें किसान सम्मान निधि योजना से वंचित कर दिया जाएगा। इसकी अंतिम तिथि भी घोषित कर दी गई।तिथि घोषित होते ही किसान जन सेवा केंद्र पर फॉर्मर रजिस्ट्री कराने पहुंचने लगे। सर्वर की समस्या के चलते जन सेवा केंद्र संचालक किसानों की फॉर्मर रजिस्ट्री करने से हाथ खड़े करने लगे। इसकी सूचना मिलते ही आला अधिकारियों ने जन सेवा केंद्र संचालकों को फॉर्मर रजिस्ट्री करने के निर्देश दिए और कहा कि अगर कोई जन सेवा केंद्र संचालक प्रतिदिन निर्धारित फॉर्मर रजिस्ट्री नहीं करेगा तो उसकी आईडी बंद कर दी जाएगी। जन सेवा केंद्र संचालक किसानों की फॉर्मर रजिस्ट्री तो कर रहे हैं, लेकिन कुछ जनसेवा केंद्र संचालकों किसानों से मनमानी रुपए भी वसूल रहे हैं। साथ ही दो से तीन दिन दौड़ने के बाद किसान की फॉर्मर रजिस्ट्री हो पा रही है।