डेढ़ दशक बाद पुनः संचालित हुई साधन सहकारी समिति जाना खाद लेने को उमड़े किसान
* विभागीय अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों ने फीता काटकर किया शुभारंभ।
*किसानों के चेहरे खिले, जिले में19 समितियां और खुलेगी।
अशोक वर्मा / बालजी दैनिक
बीकापुर, अयोध्या । करीब डेढ़ दशक से बंद पड़ी बहुउद्देश्यीय ग्रामीण सहकारी समिति जाना का विभागीय अधिकारियों ने जनप्रतिनिधियों के साथ आयोजित कार्यक्रम के दौरान फीता काटकर कर बुधवार को पुनः शुभारंभ किया। इसके अलावा किसानों के हित के लिए जिले में 19 समितियो का गठन किया जा रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति सभापति माधुरी वर्मा व संचालन एडीओ कॉपरेटिव अमित सिंह ने किया। मुख्य अतिथि जिला सहकारी बैंक के सभापति धर्मेन्द्र सिंह टिल्लू ने कहा कि लंबे प्रयास के बाद समिति का संचालन शुरू कराया गया। सरकार किसानों की आय वृद्धि के लिये कृत संकल्प है। अब किसानों को खाद के लिये भटकना नही पड़ेगा।
सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक रणविजय सिंह सहकारिता ने कहा कि सहकारिता का उद्देश्य आमजन तक उसकी सहूलियतों को पहुँचाने का है। जिस मुकाम पर सहकारिता पहुचीं है वह जनसहभागिता की देन है। उपायुक्त एवं उपनिबंधक सहकारिता विकास कुमार नेहरा ने कहा कि समिति के संचालन से किसानो की समस्याओं का निवारण होगा। सहकारिता को ग्रामीणों के लिये बहुउद्देश्यीय बनाने के लिये बल दिया जा रहा है। जिले मे 19 नई समितियो का गठन किया जा रहा है। समितियो पर कॉमन सर्विस सेंटर, , जनऔषधि केंद्र खोलने का आश्वासन दिया। ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि फयाराम वर्मा ने कहा कि समिति के संचालन होने से क्षेत्र के हजारों किसान लाभान्वित होंगे।संचालन पर शारदा प्रसाद वर्मा पूर्व शिक्षक ने खाद खरीद के पहले किसान बने। अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। इस दौरान , सहायक विकास अधिकारी पंचायत उमाशंकर सिंह प्रधान प्रतिनिधि, सुरेन्द्र वर्मा पूर्व प्रधान विजय ,सचिव अवधेश वर्मा, आई एस वी सुरेश कुमार भाजपा नेता रमाशंकर सिंह,विनय सिंह,सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे। ऋण बकायेदारो को छूठ देने की मांग भाकियू ने अधिकारियो से की। कार्यक्रम के दौरान भाकियू के युवा जिलाध्यक्ष ने मंचासीन अतिथियों से समिति के पुराने बकायेदारों को ऋण में राहत देने की बात उठाई। जिस पर अधिकारियों ने बताया कि एक मुश्त समाधान योजना के अलावा कोई राहत नही मिल सकती है। जबकि किसानों का आरोप था कि गबन के आरोपी सचिब पर मुकदमा दर्ज हुआ था। और उनकी मौत हो चुकी है।भाकियू नेता ने कहा की वसूली मे किसानो का उत्पीड़न हुआ तो भाकियू आंदोलन करने को बाध्य होगी।समिति पर किसानो के बकाया ऋण की करीब 51 लाख रुपये की देनदारी हैं।