हरियाणा

दो बेटियों का पिता जवान मणिपुर में शहीद

 रोहतक के किलोई गांव के रहने वाले बीएसएफ के जवान सुनील पहलवान मणिपुर में नक्सलियों के हमले में बलिदान हो गए। 15 दिन पहले ही छुट्टी पूरी कर ड्यूटी पर लौटे सुनील पहलवान की शहादत की खबर से गांव में मातम छा गया। सुनील पहलवान दो बेटियों के पिता थे और हमेशा खुशमिजाज रहते थे। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

मणिपुर के इंफाल में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए रोहतक के किलोई गांव के रहने वाले सुनील का आज उनके पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए किलोई गांव में पहुंचे।  शहीद सुनील की इंफाल में पोस्टिंग थी और 18 साल पहले वे बीएसएफ में भर्ती हुए थे। उनकी दो बेटियां हैं, एक बास्केटबॉल की राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी है और दूसरी दसवीं कक्षा में पढ़ती हैं।

फिलहाल उनकी ड्यूटी मणिपुर में थी।सुनील पहलवान के दोस्त गांव किलोई निवासी धर्मबीर ने बताया कि उनका दोस्त 15 दिन पहले ही छुट्टी खत्म करके वापस ड्यूटी पर गया था। 22 दिसंबर को उन्हें सूचना मिली कि सुनील पहलवान बलिदान हो गया। सूचना के अनुसार वह सुबह के समय ड्यूटी पर था। इसी दौरान नक्सलियों ने हमला कर दिया, जिसमें और उनका दोस्त सुनील पहलवान बलिदान हो गया। इसकी सूचना मिलते ही परिवार व गांव में मातम छा गया।
उनके दोस्त धर्मबीर ने बताया कि बलिदानी सुनील पहलवान दो बेटियों के पिता थे। हमेशा खुशमिजाज रहते थे। सुनील बचपन से ही पहलवानी का शौक रखते थे। गांव में सभी लोग उन्हें पहलवान कहकर पुकारते थे।

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