उत्तराखण्डराज्य

परमार्थ पहुंचे देश भर से फारेस्ट अफसर, की गंगा आरती

वन अधिकारी आध्यात्मिक जागरण हेतु आये परमार्थ निकेतन
गंगा संरक्षण के लिए जन भागिदारी हेतु प्रशिक्षण
25 वन सेवा अधिकारियों ने गंगा आरती में किया सहभाग
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से मिलकर लिया आशीर्वाद

ऋषिकेश, 14 दिसम्बर, भारतीय वन सेवा के अधिकारियों ने वाइल्ड लाइफ इन्स्टिट्यूट ऑफ इंडिया देहरादून में चल रहे गंगा संरक्षण से संबंधित प्रशिक्षण के दौरान आध्यात्मिक जागरण हेतु वे सभी परमार्थ निकेतन आये। इस प्रतिनिधिमंडल में 17 वन सेवा अधिकारी और उनके परिवारजन कुल 30 सदस्य शामिल थे, जो भारत के विभिन्न राज्यों से आए थे।भारतीय वन सेवा के अधिकारियों ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में विश्व विख्यात गंगा जी की आरती में सहभाग किया। गंगा जी के तट पर आयोजित इस आयोजन ने अधिकारियों को गंगा जी की पवित्रता और पर्यावरणीय महत्व को समझने का अनूठा अवसर प्रदान किया।

इन अधिकारियों ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से मुलाकात की और गंगा जी के संरक्षण में जन भागीदारी को लेकर उनका मार्गदर्शन और आशीर्वाद प्राप्त किया। भारतीय वन सेवा के अधिकारियों के लिये गंगाजी के आध्यात्मिक महत्व पर स्वामी जी के साथ एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया। स्वामी जी ने बताया कि गंगाजी केवल एक नदी नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन का आधार है। यह हमारी संस्कृति, जीवनशैली, और धर्म से जुड़ी हुई है इसलिए, इसके संरक्षण के लिए सिर्फ वैज्ञानिक दृष्टिकोण ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक जागरूकता भी जरूरी है।

गंगा के संरक्षण के लिए हमें सिर्फ पर्यावरणीय उपायों पर ही ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि हमें गंगा के प्रति लोगों की भावना और जुड़ाव को भी समझना होगा। स्वामी जी ने सभी आईएफएस अधिकारियों उत्तराखंड की अमूल्य भेंट स्वरूप किट वितरित किये। परमार्थ निकेतन गंगा जी की आरती में आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, राजस्थान, केरल, तमिलनाडू, केरल आदि कई राज्यों के भारतीय वन सेवा के अधिकारियों ने सहभाग कर आत्मिक शान्ति का अनुभव किया।

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