उत्तर प्रदेशबरेली

थार पारकर गायों का जर्मप्लाज्म केंद्र, आईवीआरआई में स्थापित किया जाएगा

नस्ल सुधार के होंगे कार्य

बरेली। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) को देसी थारपारकर गायों के संरक्षण एवं नस्ल सुधार के लिए अखिल भारतीय परियोजना के तहत लीड केंद्र स्थापित करने की जिम्मेदारी मिली है। इसके तहत उनके संरक्षण और नस्ल सुधार के कार्य होंगे। केंद्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान मेरठ और आईवीआरआई के वैज्ञानिकों के बीच एआईसीआरपी की स्थापना और तकनीकी कार्यक्रम की बैठक में यह जानकारी साझा की गई।

आईवीआरआई निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त ने बताया कि संस्थान में थारपारकर गायों के लीड जर्मप्लाज्म सेंटर के रूप में कार्य किया जाएगा। संस्थान के फार्म में उन्नत थारपारकर नस्ल के गोवंश हैं। सीमेन उत्पादन, प्रसंस्करण की आधुनिक सुविधा समेत कुशल वैज्ञानिकों की टीम भी है। थारपारकार नस्ल को बढ़ाने के लिए ब्रीडिंग कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

इसके लिए ब्रीडिंग क्षेत्र का चयन किया जाएगा। साथ ही, आईवीआरआई के डेयरी फार्म में थारपारकार गायों की संख्या को बढ़ाई जाएगी। सांड़ों के सीमेन सुरक्षित किए जाएंगे। शुरुआत में सीमेन की पांच हजार डोज जर्मप्लाज्म केंद्र में तैयार करने का निर्णय लिया गया है।

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