गोण्डा बना गांजा विक्रेताओं व शराब ओवररेटिंग सहित शराब तस्करों का पनाहगार

उप आबकारी आयुक्त के चेतावनी देने के बाद भी नही सुधर रहा विभाग
अनिल कुमार द्विवेदी
बी न्यूज दैनिक
गोण्डा। जिले की सदर तहसील व एक अन्य तहसील में भांग की दुकानों पर अवैध रूप से गांजा बिक्री का धंधा जोरों से चल ही रहा था और अब शराब की ओवररेटिंग सहित अवैध शराब की तस्करी होने की चर्चा जोरों पर है। जनपद में भांग की दुकानों पर अवैध रूप से गांजा का व्यापार खुलेआम किए जाने के साथ-साथ अब शराब की ओवररेटिंग भी खुलेआम की जा रही है। दिनांक 12 मार्च को प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया गया था कि सदर क्षेत्र के इटियाथोक बाजार व सुभागपुर बाजार स्थित भांग की दुकानों पर धड़ल्ले से गांजा की विक्री की जा रही है परन्तु विभागीय रहमोकरम के चलते उन भांग की दुकानों पर कार्यवाही नही की गई। शासन की मंशानुसार सभी अधिकारियों को सीयूजी नम्बर का प्रयोग करना चाहिए परन्तु डीईओ प्रलग्भ लवानिया द्वारा सारे नियम कानून कायदे को दरकिनार करते हुए सीयूजी नम्बर बन्द रखा जाता है और निजी नम्बर का प्रयोग किया जाता है। यदि किसी पत्रकार द्वारा उनके निजी नम्बर पर फोन करके जानकारी देने व लेने का प्रयास किया जाता है तो वह फोन उठाना मुनासिब नही समझते। बता दें कि दिनांक 13 मार्च 2025 को सदर क्षेत्र के बुधई पुरवा व ददुआ बाजार में स्थित अंग्रेजी शराब की दुकानों पर ओवररेटिंग होने की सूचना देने हेतु जिला आबकारी अधिकारी के मोबाईल पर कई फोन किया गया परन्तु उन्होंने फोन रिसीव करना मुनासिब नही समझा। इसी के साथ ही कर्नलगंज के मैजापुर स्थित अंग्रेजी व देशी शराब के ठेकों पर जमकर हो रही ओवर रेटिंग का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। जिसमें अंग्रेजी शराब पर 20, देशी पर 5 से 10 रूपये की अवैध ओवररेटिंग साफ सुनी व देखी जा सकती थी। इसके बावजूद आबकारी विभाग व पुलिस प्रशासन मौन साधे रहे और होली के मौके पर शराब ठेकों पर जमकर लूट मची दिखी। वही शराब ठेकेदारो में शासन प्रशासन का कोई भय नहीं दिख रहा है। शराब सेवन करने वालों ने बताया कि प्रति क्वार्टर व बियर के कैन पर 10 रुपए अतिरिक्त वसूली हो रही है। यदि चर्चा को मानें तो वर्ष 2024 की दीपावली में लाइसेंसियों द्वारा अपने स्टॉक से 01-02 पेटी शराब गोदाम में ही कटवाया गया था और 14 मार्च 2025 की होली में भी लाइसेंसियों द्वारा अपने स्टॉक से 01-02 पेटी शराब कटवा दिया गया है,जिसकी कीमत लाखों रुपए आंकी जा रही है। यदि निष्पक्षता से शराब कटौती प्रकरण की जांच किया जाय तो सारी सच्चाई उजागर हो सकती है। सूत्रों के अनुसार निष्ठावान उप आबकारी आयुक्त आलोक कुमार द्वारा पूर्व में जिला आबकारी अधिकारी सहित प्रधान आरक्षियों सहित सिपाहियों को व्यवस्था में सुधार जाने की चेतावनी दिए जाने के बावजूद भी व्यवस्था ट्रैक से उतरती ही जा रही है। निवर्तमान जिला आबकारी अधिकारियों के कार्यकाल में खुलेआम गांजा की बिक्री व शराब की ओवररेटिंग सहित अवैध शराब तश्करों में भय व्याप्त था और अब उन सभी के लिए इस तरह राम राज्य स्थापित हो गया है कि दुकानदार भयमुक्त होकर प्रति क्वार्टर शराब व बियर के कैन पर 10 रुपए अधिक लेने की बात गर्व से कह रहे हैं। दुकानदारों द्वारा ओवररेटिंग की बात भयमुक्त होकर स्वीकार किए जाने से जिला आबकारी अधिकारी व सदर निरीक्षक की दरियादिली व मेहरबानी उजागर हो रही है।