सरकार और कोर्ट कागजात और हेल्मेट के पीछे, लेकिन यमराज ओवरस्पीड और डेंजर ड्राइव के पीछे
लेखक: प्रतीक संघवी, राजकोट, गुजरात
क्यों सख्त किए गए थे ट्रैफिक नियम?
2019 में सरकार ने अचानक ट्रैफिक नियमों में बड़े बदलाव कर दंड की रकम बढ़ा दी। हेल्मेट, बीमा और अन्य नियम जो शांत पड़े थे, उन्हें सख्ती से लागू किया गया। सरकार और परिवहन मंत्रियों का तर्क था कि सड़क हादसों में बढ़ती मौतों को रोकने के लिए ये कदम जरूरी थे।
पांच साल बाद क्या बदला?
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि 2018 से 2022 के बीच सड़क हादसों में मौतों की प्रमुख वजहें ओवरस्पीड और डेंजर ड्राइविंग रहीं।
आंकड़े क्या कहते हैं:
– 2018: 152,780 मौतें (55.2% ओवरस्पीड, 27.3% डेंजर ड्राइव)
– 2019: 154,732 मौतें (55.7% ओवरस्पीड, 27.5% डेंजर ड्राइव)
– 2020: 133,201 मौतें (56.6% ओवरस्पीड, 26.4% डेंजर ड्राइव)
– 2021: 155,622 मौतें (55.9% ओवरस्पीड, 27.5% डेंजर ड्राइव)
– 2022: 171,000 मौतें (58.9% ओवरस्पीड, 26.4% डेंजर ड्राइव)
हादसों की असली वजह
पिछले पांच वर्षों के आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि 83% से अधिक मौतों की वजह ओवरस्पीड और डेंजर ड्राइविंग हैं। खासकर, नेशनल और स्टेट हाईवे पर ये हादसे अधिक होते हैं।
कानून की दिशा सही है या गलत?
सरकार ने हेल्मेट और कागजात की सख्ती पर ज्यादा जोर दिया है, लेकिन सड़क हादसों की प्रमुख वजहों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया।
– सवाल उठता है:
क्या हेल्मेट और बीमा की सख्ती से ओवरस्पीड और डेंजर ड्राइविंग के मामलों में कमी आई? आंकड़े बताते हैं कि हादसों की दर में कोई खास बदलाव नहीं हुआ।
– आम आदमी पर दबाव:
हेल्मेट और कागजात के नियमों के चलते आम लोग परेशान हैं, जबकि असली अपराधी, जो तेज और लापरवाह ड्राइविंग करते हैं, खुलेआम घूम रहे हैं।
क्या कदम उठाने चाहिए?
1. ओवरस्पीड और डेंजर ड्राइविंग पर सख्ती:
इन कारणों पर विशेष ध्यान देकर दंड की राशि बढ़ाई जाए।
2. हाईवे पर अलग लेन की व्यवस्था:
दोपहिया वाहनों के लिए अलग लेन बनाने से हादसे कम हो सकते हैं।
3. प्रभावी पुलिसिंग:
ओवरस्पीड और लापरवाह ड्राइविंग पर नजर रखने के लिए तकनीकी उपकरण और सीसीटीवी का उपयोग बढ़ाया जाए।
4. जागरूकता अभियान:
लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए व्यापक अभियान चलाए जाएं।
निष्कर्ष
सरकार और कोर्ट को आंकड़ों के आधार पर नियम लागू करने चाहिए। हेल्मेट और कागजात के पीछे भागने से सड़क हादसे कम नहीं होंगे। ओवरस्पीड और डेंजर ड्राइविंग जैसे असली मुद्दों को ध्यान में रखकर सख्त कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि सड़क हादसों से होने वाली मौतों में कमी आ सके।