उत्तर प्रदेशसीतापुर

शासन हुआ सख्त, पराली जलाने वाले 20 किसानों से वसूले गए 50000 रुपये

जुर्माने के साथ अदालती कार्यवाही का भी करना होगा सामना।
सम्मान निधि के साथ गन्ने की पर्ची रोकने के संबन्ध में किया जा रहा विचार।
ब्यूरो रिपोर्ट अनूप पाण्डेय
सीतापुर जनपद में आज उप कृषि निदेशक ने बताया कि जनपद प्रशासन पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त हो गया है। अभी तक जनपद में 20 किसानों से 25000/ रु0 पर्यावरण क्षति के रूप में वसूल किए गए हैं। इन किसानों को कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा, साथ ही बार-बार पराली जलाने वाले किसानों की सम्मान निधि और गन्ना पर्ची रोकने पर भी शासन द्वारा गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
हाल के वर्षों में श्रमिकों की उपलब्धता में कमी की वजह से कम्बाइन हार्वेस्टर से कटाई का प्रचलन बढ़ा है। कम्बाइन से कटाई के बाद अवशेषों को को खेत में मिला देने के लिए जनपद में सभी कम्बाइन हार्वेस्टर मालिकों को सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगाए जाने को अनिवार्य कर दिया गया है। कम्बाइन हार्वेस्टर सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम न लगाने पर कम्बाइन हार्वेस्टर मालिकों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्यवाही भी की जा रही है।
उप कृषि निदेशक द्वारा बताया गया कि ’’खेतों में पराली या अन्य फसल अवशेष जलाकर किसान भाई अपना ही नुकसान करते हैं क्योंकि इससे मृदा का ताप बढ़ने के कारण मित्र कीट, सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं भूमि की जलधारण क्षमता और उपजाऊपन घटता है जिसका सीधा प्रभाव उत्पादन पर पड़ता है। किसान भाइयों को पराली जलाने से होने वाले नुकसानों के बारे में जागरूक किया जा रहा है, किसान भाइयों को निःशुल्क बायो-डिकम्पोजर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है इसके साथ ही फसल अवशेष को कैसे उपयोगी बनाया जाए इस संबन्ध में हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है’’।
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि ’’वर्तमान में हमारी जमीन को जैविक खादों की आवश्यकता है जिससे मृदा संरचना में सुधार हो और उत्पादन में वृद्धि हो सके। फसल अवशेषों का प्रयोग कम्पोस्ट तथा अन्य जैविक खाद बनाने में किया जा सकता है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर) द्वारा विकसित बायो-डिकम्पोजर के प्रयोग से जैविक खाद बनाना अधिक आसान हो गया है। खेत में पड़े फसल अवशेषों पर बायो-डिकम्पोजर का प्रयोग कर किसान भाई इसे खेत में ही डिकम्पोज कर (सड़ा) सकते हैं अथवा पैडी स्ट्राचापर, श्रेडर, मल्चर, श्रब मास्टर, रोटरी स्लेशर, हाइड्रोलिक रिवर्सेबल एम.बी. पलाऊ, सुपर सीडर, बेलर, सुपर स्ट्रा, मैनेजमेंट सिस्टम यंत्रों के माध्यम से फसल अवशेषों को खेत में मिला सकते हैं।

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