उत्तर प्रदेशप्रयागराज

एनसीजेडसीसी के स्थापना दिवस पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

प्रयागराज ११ मार्च

बीके यादव/बालजी दैनिक

उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र का मंगलवार को 39वां स्थापना दिवस का आयोजन बड़ी धूम-धूम के साथ किया गया। 11 मार्च 1986 में स्थापित एनसीजेडसीसी ने अपनी स्थापना के 40 वें स्वर्ण जयंती वर्ष में प्रवेश किया है। समारोह का शुभारम्भ मुख्य अतिथि जे.पी.राय सेवानिवृत्त (आइ.ए.एस) एवं पूर्व निदेशक ने किया। सहायक निदेशक सुरेंद्र कश्यप ने मुख्य अतिथि को अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर उन्होंने केंद्र के स्थापना दिवस की बधाई दी और कहा कि लोक कला की विधाएं हमारी वास्तविक इतिहास बताती हैं जो कभी लिखा ही नहीं गया। लोक कला, शास्त्रीय संगीत संस्कृति के आयाम हैं, इनके सरंक्षण और संवर्धन का कार्य उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र बखूबी निभा रहा है। आभासी माध्यम से जुड़ें केंद्र के प्रभारी निदेशक आशिस गिरि ने केंद्र के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को शुभकामनाएं दी और 1986 में केंद्र की स्थापना के बाद विभिन्न उपलब्धियों के बारे में बताया और कहा कि उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की सफलताएं असंख्य हैं और हमने लोक कला, संस्कृति, साहित्य के विकास के लिए निरंतर कार्य कर रहें हैं। यह स्थापना दिवस और भी खास हो गया है क्योंकि महाकुंभ में स्थापित कलाग्राम में एक छतरी के नीचे देश के कोने कोने से आए कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां देकर एक कीर्तीमान स्थापित किया है और कलाग्राम की सफलता को देखते हुए प्रयागराज के अलावा सभी सांस्कृतिक केंद्रों में एक स्थायी कलाग्राम की स्थापना की जाएगी। इस सफलता के लिए उन्होंने सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर समृद्ध लोक संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी हुआ। मनोज गुप्ता एवं दल द्वारा विनती सुनिए हनुमान लला जो भी तुम्हरे द्वारे आया उसका ही हुआ कल्याण लला, माधव माधव भजो भजो रे मन माधव माधव भजो , भजो रे भैया राम गोविंद हरी, वह चांदनी का बदन खुशबुओं का साया है बहुत अज़ीज़ हमें है मगर पराया है तथा वृंदावन श्याम मची होरी..भजन गाय़न की प्रस्तुति दी। इसके बाद साईं ब्रदर्स ने गणेश वंदना एवं राम भजन फिर प्रयाग नगरी बसे संगम के तीरे तथा रे मन हरि सुमिरन करले की प्रस्तुति देकर खूब तालियां बटोरी। अगली प्रस्तुति सुप्रिया सिंह रावत एवं दल द्वारा परब ढेड़िया के आये दुवार के मन मोरा नाचे मगन के मन मोरा नाचे के मन मोरा नाचे के मन मोरा नाचे मगन गीत पर ढेढिया नृत्य तथा पीपर के पात झाड़ी जाला अँगनवा कैसे बहरू जी गीत पर पूर्वी नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद श्रीराम द्विवेदी एवं साथी कलाकारों द्वारा सूफी गायन तू माने या ना माने दिलादारा, जितना दिया सरकार ने मुझ को तथा दमा दम मस्त कलंदर को पेश कर श्रोताओं से खूब तालियां बटोरी। इस अवसर पर केंद्र के सेवानिवृत्त तथा कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रमाण पत्र तथा स्मृति चिन्ह कार्यक्रम प्रभारी मदन मोहन मणि द्वारा प्रदान किया गया। इस अवसर पर नरेंद्र सिहं, अनूप बिहारी लाल श्रीवास्तव, कृष्ण मोहन द्विवेदी तथा केंद्र के समस्त कर्मचारीगण सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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