
पंचकूला 13 अप्रैल : “प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त श्री हनुमान जी ने जिस प्रकार श्री राम की सहायता की, इस प्रकार आज राष्ट्र रुपी राम को भी हनुमान की आवश्यकता है ताकि राष्ट्र की शांति और शक्ति रुपी सीता का कोई अपराधी राक्षस हरण ना कर सके।”
इन सुंदर सुविचारों की अमृत वर्षा हनुमान जयंती के अवसर पर सेक्टर 10 के श्री सनातन धर्म मंदिर के प्रांगण में आयोजित सुंदरकांड पाठ और भजन संध्या के दौरान मंदिर के मुख्य पुजारी एवं कथावाचक पंडित ओमप्रकाश मिश्रा ने की।
पंडित श्री मिश्रा जी ने पवनसुत हनुमान जी के समर्पण और सेवा भाव की प्रबलता का गुणगान करते हुए बताया कि हनुमान जी ने अपना संपूर्ण जीवन श्री राम की सेवा में समर्पित कर अपना राजकाज, परिवार त्याग कर आजीवन ब्रह्मचर्य का संकल्प लिया और जब उनकी भक्ति और निष्ठा पर कुछ लोगों ने प्रश्न चिन्ह उठाया तो उन्होंने अपना हृदय चीर कर भगवान राम के प्रति अपनी भक्ति और निष्ठा को प्रमाणित किया।
उन्होंने बताया कि जब भी हनुमान जी से उनकी सफलताओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने हर बार हर कार्य का श्रेय श्री राम और माता जानकी को ही दिया l
पंडित मिश्रा जी ने आज की युवा पीढ़ी से आह्वान किया कि उन्हें श्री हनुमान भगवान के संवाद कौशल से सीख लेने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि इसका सबसे बड़ा प्रमाण जब हनुमान जी अशोक वाटिका में पहली बार सीता माता से मिलते हैं तब वह अपनी बातचीत से न सिर्फ माता सीता को भय मुक्त करते हैं बल्कि उन्हें यह भी भरोसा दिलाते हैं कि वह श्री राम के ही दूत हैं।
इसी प्रकार समुद्र लांघते समय देवताओं के कहने पर जब सांपों की माता सरसा ने उनकी परीक्षा लेनी चाही तो हनुमान जी ने अतिशय विनम्रता का परिचय देते हुए उस राक्षसी का भी दिल जीत लिया l
इस अवसर पर मंदिर सभा द्वारा मंदिर को बहुत ही सुंदर ढंग से रोशनी और फूलों से सजाया गया था और सैकड़ों श्रद्धालुओं के समूह ने सुंदरकांड, हनुमान चालीसा पाठ और भजन संध्या का आनंद लिया।
कार्यक्रम के समापन पर सेक्टर 10 के मकान नंबर 670 निवासी प्रवीन जिंदल द्वारा प्रसाद वितरित किया गया जबकि मंदिर सभा सदस्यों ने समस्त श्रद्धालुओं में लंगर भंडारा का वितरण कर सभी श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया l