हरियाणा

विदेशों में भी हरियाणा पुलिस की चर्चा, कार्यप्रणाली समझने पुलिस मुख्यालय पहुंचे जर्मनी के सांसद

पंचकूला: जर्मनी के प्रतिनिधिमंडल और सांसद राहुल कुमार गुरुवार को हरियाणा पहुंचे. इस दौरान सांसद और प्रतिनिधिमंडल ने पंचकूला पुलिस मुख्यालय का दौरा किया. साथ ही इंटरनेशनल लेवल पर क्राइम कंट्रोल पर विस्तार से चर्चा की. जर्मनी के प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा पुलिस की ओर से अपराध नियंत्रण को लेकर किए जा रहे कार्यो की प्रशंसा की.

क्राइम कंट्रोल की नीति पर चर्चा: दरअसल जर्मनी के प्रतिनिधिमंडल और सांसद हरियाणा पुलिस की कार्यप्रणाली को समझने के लिए पंचकूला पुलिस मुख्यालय पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने डीजीपी शत्रुजीत कपूर से डिजीटल तकनीक के जरिए अपराध कंट्रोल करने की रणनीति पर चर्चा की. साथ ही आपातकाल हेल्पलाइन नंबर, पारंपरिक और आधुनिक अपराध के स्वरूपों और साइबर अपराध रोकने के लिए भविष्य की चुनौतियों से निपटने की रणनीति के बारे में जाना. हरियाणा पुलिस की क्राइम कंट्रोल की नीति से जर्मनी के प्रतिनिधिमंडल काफी प्रभावित हुए.

डीजीपी ने साझा की अपराध नियंत्रण की कार्यप्रणाली: डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने जर्मनी के प्रतिनिधिमंडल को हरियाणा पुलिस की संरचना, अन्वेषण, भर्ती प्रक्रिया, कार्यक्षमता निर्माण के लिए पुलिसकर्मियों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण के बारे में बताया. प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा में अपराध नियंत्रण को लेकर किए जा रहे कार्यों में खास रूचि दिखाई तो राज्य डीजीपी पुलिस की कार्ययोजना के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि हरियाणा पुलिस ने अपराध को उसकी प्रवृति के अलग-अलग श्रेणियों में बांटा है.

दो तरह के होते हैं क्राइम: डीजीपी ने बताया कि अपराध दो तरह के होते हैं. ट्रैडिशनल अपराध और मॉडर्न अपराध. ट्रेडिशनल अपराध जैसे- व्यक्ति के खिला अपराध और प्रॉपर्टी के खिलाफ अपराध होता है जबकि मॉडर्न अपराध में साइबर अपराध शामिल है. साथ ही बदलते समय के अनुसार होने वाले अन्य अपराध भी मॉर्डन अपराध ही कहलाता है. इन अपराधों को आगे अलग-2 प्रकार की उप-श्रेणियों में बांटा जाता है. इन अपराधों से उनकी प्रवृति के अनुरूप निपटने के लिए पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया जाता है. हरियाणा पुलिस की ओर से अपराधियों को पकड़ने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे ओवरऑल क्राइम को कम करने में मदद मिली है.

पुलिस टू पुलिस कोऑर्डिनेशन से अपराध नियंत्रण: हरियाणा पुलिस और जर्मनी के प्रतिनिधिमंडल ने ग्लोबल और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रहे अपराधों से निपटने के लिए पुलिस-टू-पुलिस कोर्डिनेशन की संभावनाओं पर विचार विमर्श किया. डीजीपी ने बताया कि कई बार अपराधी एक देश में अपराध कर दूसरे देश में जाकर छिप जाता है. ऐसे अपराधी सभी देशों के लिए बड़ा खतरा हैं, जिन्हें पकड़ने के लिए अलग-2 देशों की पुलिस का आपसी तालमेल के साथ काम करना जरूरी है.

साइबर अपराध बड़ी चुनौती: डीजीपी ने साइबर क्राइम नियंत्रण को लेकर सामने आ रही चुनौतियों बारे भी बताया. उन्होंने कहा कि सभी देशों के लिए यह एक बड़ी समस्या है. साइबर अपराधी अलग-अलग देश में बैठकर लोगों की जमा पूंजी को ठगरहे हैं, जिसे नियंत्रित करने के लिए अलग-अलग देश की पुलिस में अच्छा तालमेल होना बहुत जरूरी है. जर्मनी के प्रतिनिधिमंडल के अधिकारियों ने विश्वास दिलाया कि वे इस प्रकार की संचार प्रणाली विकसित करने का प्रयास करेंगे, ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस चुनौती से निपटने में हेल्प मिल सके. समय के साथ-साथ साइबर क्राइम बढ़ने लगा है. इससे निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्ययोजना बनाने की जरूरत है.

हरियाणा पुलिस मेंमहिलाओं की भागीदारी: जर्मनी के प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा पुलिस में महिलाओं की भागीदारी बारे में पूछा. इस पर डीजीपी कपूर ने बताया कि समय के साथ साथ हरियाणा पुलिस में उच्च पदों पर तैनात महिलाओं की संख्या में वृद्धि हुई है. सरकार का प्रयास है कि नीचे के पदों पर भी महिलाओं की संख्या बढ़ाए और प्रतिशत में इसे कम से कम 15 तक लाना है. हरियाणा में महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर महिलाओं में जागरूकता बढ़ी है. अब तो महिला अपराध की रिपोर्टिंग भी बढ़ी है.

जर्मनी को मदद का आश्वासन: डीजीपी कपूर ने जर्मनी को भी क्राइम कंट्रोल में मदद का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस से अपराध नियंत्रण को लेकर किसी भी प्रकार की मदद चाहिए तो वे हमेशा इसके लिए तैयार हैं. इस पर जर्मनी के प्रतिनिधिमंडल ने भी आश्वस्त किया कि वे इस समस्या से अपने देश की सरकार को अवगत करवाएंगे, ताकि अपराध नियंत्रण को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आवश्यक कदम उठाए जा सकें.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button