स्वयं सहायता समूह की प्रमुखों ने सीखे आपदा प्रबंधन के गुर, जिला पंचायत सभागार में आयोजित हुई मण्डल स्तरीय कार्यशाला
आपदा प्रबंधन सम्बन्धी स्वयं सहायता समूहों के प्रशिक्षण कार्यशाला का मण्डलायुक्त ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया शुभारम्भ, लगाए गए स्टालों का किया अवलोकन
आपदा प्रबंधन में महिलाओं की भूमिका बेहद अहम-मण्डलायुक्त
आपदा के दौरान गोल्डेन आवर सबसे महत्वपूर्ण, रेल हादसे के दौरान लोगों की जान बचाने में गोल्डेन आवर और समुदाय का रहा सबसे अहम रोल- डीएम
अनिल कुमार द्विवेदी
बी न्यूज दैनिक
गोण्डा 12 दिसम्बर,2024। आपदा न्यूनीकरण को लेकर प्रधानमंत्री के दस सूत्री एजेन्डे के तहत गुरूवार को स्वयं सहायता समूहों की प्रमुखों को आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण का प्रशिक्षण दिये जाने के लिए जिला पंचायत सभागार में मण्डल स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मण्डल के प्रत्येक जनपद के 75-75 स्वयं सहायता समूह की प्रमुखों व आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला का शुभारम्भ आयुक्त देवीपाटन मण्डल श्री शशिभूषण लाल सुशील ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार ने मण्डलायुक्त, डीएम, सीडीओ सहित अन्य अतिथियों का स्वागत किया गया तथा कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की गई।
इस अवसर पर मण्डलायुक्त ने कहा कि आपदा प्रबंधन में महिलाओं की भूमिका अहम है क्योंकि आपदा के दौरान महिलायें सबसे पहले प्रभावित होती हैं, इसलिए महिलाएं आपदा प्रबंधन में फस्र्ट रिस्पान्डर हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री जी प्रेरणा से राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिरण द्वारा सराहनीय कदम उठाया गया है। उन्होंने आपदा प्रबंधन में महिलाओं की सहभागिता का दूरगामी परिणाम होगा। विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, अग्निकाण्ड, सर्पदंश, आकाशीय विद्युत, ग्लोबल वार्मिंग, सुनामी के अलावा मानव जनित आपदाओं से कैसे बचाव करना है इसके लिए समुदाय का प्रशिक्षित होना आवश्यक है, इसी उद्देश्य से बहुउपयोगी कार्यशाला का आयोजन किया गया है जिसमें मण्डल के जनपदों से स्वयं सहायता समूहों की प्रमुखों की उपस्थिति एक शुभ संकेत हैं। उन्होंने मण्डल के जनपदों में आपदा प्रबंधन अधिकारियों द्वारा किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा भी की।
जिलाधिाकरी नेहा शर्मा ने कहा कि किसी भी आपदा के दौरान गोल्डेन आवर और आपदा के दौरान क्या करना चाहिए इसकी जानकारी होना सबसे महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि आपदाओं को लेकर जनसामान्य में कुछ मिथक हैं जिनका दूर होना आवश्यक है। उन्होंने आकाशीय विद्युत से होने वाली मृत्यु को लेकर मिथक के बारे में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जागरूक किया। उन्होंने कहा कि तमाम आपदाएं ऐसी हैं जहां पर महिलाएं सबसे पहले प्रभावित होती हैं परन्तु जानकारी के अभाव में वे सहायता करने के बजाय घबरा जाती हैं। इसलिए समुदाय आधारित महिलाओं का आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूक होना और प्रशिक्षित होना नितान्त जरूरी है।
मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। अब आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भी मा0 मुख्यमंत्री जी की पे्ररणा से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इससे ग्रामीण स्तर पर आपदा प्रबंधन को मजूबती मिलेगी। सीएमओ डाॅ0 रश्मिा वर्मा ने कहा कि विभिन्न आपदाओं जैसे शीत लहर, लू, बाढ़, सर्पदंश आदि के दौरान हमें व्यक्ति को बचाने के लिए तुरन्त क्या करना चाहिए, इसकी जानकारी हर व्यक्ति को होनी चाहिए। इसके लिए यह कार्यशाला बहुत उपयोगी सिद्ध होगी। कार्यशाला में अपर पुलिस अधीक्षक व पीडी डीआरडीए ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
प्रशिक्षण सत्र में एसडीआरएफ टीम, अग्नि शमन टीम, स्वास्थ्य विभाग की टीम तथा गोण्डा, बलरामपुर, बहराइच व श्रावस्ती के आपदा प्रबंधन अधिकारियों द्वारा जनपदों की आपदाओं एवं उससे बचाव के उपायों के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यक्रम के उपरान्त मण्डलायुक्त व डीएम ने अधिकारियों संग जनपदों के आपदा प्रबंधन विभाग, अरगा ब्राण्ड तथा एसडीआरएफ द्वारा लगाए गये स्टाल का अवलोकन किया। कार्यक्रम का संचालन आपदा प्रबंधन अधिकारी श्रावस्ती अरूण मिश्र ने किया।
इस दौरान प्रभारी नगर मजिस्ट्रेट राजीव मोहन सक्सेना, परियोजना निदेशक डीआरडीए चन्द्रशेखर, एसडीएम सदर अवनीश त्रिपाठी, आपदा प्रबंधन अधिकारी गोण्डा राजेश श्रीवास्तव, बलरामपुर अरूण सिंह, बहराइच सुनील कनौजिया, श्रावस्ती अरूण मिश्र तथा एनआरएलएम के जिला प्रबंधक तथा प्रतिभागी स्वयं सहायता समूहा की प्रमुख उपस्थित रहीं।