गांधीछाप के आगे नतमस्तक है स्वास्थ्य विभाग
दिखावे की कार्यवाही की गई स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिसमें मजिस्ट्रेट भी रही शामिल
ब्यूरो रिपोर्ट अनूप पाण्डेय
मुख्यमंत्री के आदेशों पर जिलाधिकारी ने त्रिस्तरीय कमिटी का गठन किया गया जिसके द्वारा जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में छापेमारी की गई जिसमें प्रमुखता से लहरपुर जो अवैध अस्पतालों का हब कहा जाता था वहां भी छापेमारी हुई जिसमें एक दबंग व बहुचर्चित हॉस्पिटल ए एम एस हॉस्पिटल पर प्रथम बार में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ अरविंद बाजपेई सहित उनकी टीम द्वारा नोटिस दी गई थी वही दूसरी बार में जिलाधिकारी की गठित टीम एसीएमओ डॉ अनूप श्रीवास्तव व उप जिला मजिस्ट्रेट अंजली सिंह द्वारा छापेमारी कर हॉस्पिटल का संचालन बंद कराया गया था जिसके बाद दो दिन बीते नहीं कि हॉस्पिटल का संचालन प्रारंभ हो गया जिसकी सूचना उप जिला मजिस्ट्रेट व एसीएमओ डॉ अनूप श्रीवास्तव को दी गई तो उनके निर्देशों में सीएचसी अधीक्षक की टीम द्वारा वहां के मरीजों को सरकारी अस्पताल भेज कर ताला लगाकर सीज की कार्यवाही की गई जिसके बाद मुश्किल से 20 से 25 दिन ही हॉस्पिटल बंद रहा वही पुनः फिर से धड़ल्ले से अस्पताल का संचालन प्रारंभ हो गया जबकि हॉस्पिटल में न तो कोई मानकन ही कोई रजिस्टर्ड डॉक्टर आखिर किसके संरक्षण में ये हॉस्पिटल संचालित हो रहा है क्या स्वास्थ्य विभाग के आला अफसर गांधी के आगे नतमस्तक हो चुके है यह सवाल आमजनमान के दिमाग में गूंज रहा है मुख्यमंत्री के आदेश क्या स्वास्थ्य विभाग के आगे मायने नहीं रखते है आखिर किसके इशारे पर हॉस्पिटल संचालित किया जा रहा है वहीं जब इस संबंध में उप जिला मजिस्ट्रेट अंजली सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अगर आप पास साक्ष्य है तो एसीएमओ डॉ अनूप श्रीवास्तव से बात कर लीजिए वही कार्यवाही करेंगे जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमने सीएचसी अधीक्षक डॉ को हमने जांच के निर्देश दिए है है यदि ऐसा कुछ है तो संचालक के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी