शहर के 7 अस्पतालों को सील करने की स्वास्थ्य विभाग ने दी चेतावनी
बरेली। स्वास्थ्य विभाग की ओर से शहर के सात अस्पतालों को नोटिस जारी किए गए हैं। इनमें से एक अस्पताल में फायर सेफ्टी का कोई इंतजाम नहीं मिला जबकि छह अस्पतालों में बेसमेंट में एनआईसीयू चलता पाया गया था। स्वास्थ्य विभाग ने बेसमेंट से तुरंत एनआईसीयू शिफ्ट न करने पर अस्पताल सील करने की चेतावनी दी है।
झांसी के मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में हुए अग्निकांड के बाद शासन ने सभी सरकारी और गैरसरकारी अस्पतालों पर फायर सेफ्टी समेत सभी मानकों जांच करने का निर्देश दिया था। इसके बाद बरेली में अस्पतालों की जांच के लिए टीम गठित की गई थी जिसने पिछले 15 दिनों में शहर के करीब 30 अस्पतालों का निरीक्षण किया। इनमें सात अस्पतालों के बेसमेंट में चिकित्सीय गतिविधियां होती पाई गईं। इनमें से छह अस्पतालों ने सारे मानकों को अनदेखा कर एनआईसीयू तक बेसमेंट में स्थापित किए हुए थे। उनमें बच्चों नवजात शिशुओं का इलाज किया जा रहा था।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस मामले में डॉ. रवि खन्ना के एनबीसीसी, डॉ. रुचि अतुल अस्पताल, श्रीसंत हॉस्पिटल, डॉ. अशोक मेंहदीरत्ता अस्पताल, बेग अस्पताल और क्यूटीज एंड किड्स अस्पताल को नोटिस जारी किए हैं। सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह ने बताया कि बेसमेंट में एनआईसीयू चलाना नियम विरुद्ध है। अस्पतालों को नोटिस जारी कर तय समय सीमा में एनआईसीयू को बेसमेंट से शिफ्ट करने की चेतावनी दी गई है। अगले निरीक्षण में बेसमेंट में एनआईसीयू पाए जाने पर अस्पताल को सील कर दिया जाएगा।
इसके अलावा शहर के कुछ अस्पतालों के बच्चा वार्ड में आग बुझाने के उपकरण भी नही लगे हैं। जिसमे बरेली गुरुनानक अस्पताल भी शामिल है। इतना ही बल्कि गुरुनानक अस्पताल निकट जनकपुरी पीलीभीत रॉड स्थित यह अस्पताल इतना संकरा बना हुआ है कि कभी कोई आग की घटना गतजने पर काफी मासूमों की प्रसूति के लिए भर्ती महिलाओं के बार्डके भी यही स्थिति है।