कुशीनगर

अरे नामवरो ” यह नजीर है नजारा नही ”

🔵और चौकी इंचार्ज खुद कुदाल उठाकर करने लगे रास्ते की सफाई 

 

🔴एडीएम के आदेश पर बीडीओ विशुनपुरा ने की खानापूर्ति, दो सफाईकर्मियों को भेज दायित्वों का कर इतिश्री

 संजय चाणक्य

कुशीनगर। ”जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा। किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता। ” यह फलसफा तन पर खाकी धारण किये इस कर्तव्यनिष्ठ नौजवान पर सटीक बैठती है। यह कोई और नही बल्कि पडरौना कोतवाली अन्तर्गत मिश्रौली चौकी के प्रभारी विवेक पाण्डेय है, जो छठ महापर्व पर व्रती माताओं को सरल और शुलभ रास्ते से घाट तक पहुचाने के लिए खुद ही हाथ मे कुदाल थामकर झाड़ी-झंकारी को साफ करने में जुट गये। चौकी प्रभारी का अपने कार्य व दायित्वों के प्रति यह निष्ठा देख बरबस फूट पडता है ” अरे नामवरो यह नजीर है नजारा नही।”

बतादे कि मंगलवार को नहाये-खाये केे साथ सूर्योपासना का महापर्व सूर्य षष्ठी (छठ) शुरू हो गया है। कहना न होगा कि सदर एसडीएम व्यास नारायण उमराव मंगलवार को विशुनपुरा विकास खंड क्षेत्र के ग्रामसभा मिश्रौली गांव के छठ घाट पर पहुचें थे जहा साफ-सफाई की कमी और व्रती माताओं के आने – जाने वाले मार्ग मे झाडी-झंखाड देख नाराजगी जताते हुए विशुनपुरा बीडीओ को तत्काल साफ-सफाई और रास्ते से झाडी-झंखाड को तत्काल साफ कराने निर्देश दिया। इस दौरान सीओ सदर और मिश्रौली चौकी प्रभारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। उप जिलाधिकारी के निर्देश के बावजूद बीडीओ विशुनपुरा सुशील कुमार सिंह ने अपने जिम्मेदारियों का कोरमपूर्ति करते हुए घाट की साफ-सफाई व रास्ते से झाडियो को हटाने के लिए बुधवार को दो सफाईकर्मियों को भेज अपने दायित्वों का इतिश्री कर लिया। बताया जाता है कि सफाईकर्मी अपने कार्यो मे जुटे रहे, तभी मौके पर चौकी प्रभारी विवेक पाण्डेय छठ घाट का निरीक्षण करने पहुच गये जहां साफ-सफाई से जुझ रहे सफाईकर्मियों को देख चौकी प्रभारी विवेक पाण्डेय ने खुद हाथ में कुदाल उठाकर व्रती माताओं को घाट व घाट तक सरल व शुलभ तरीके से पहुचने के लिए रास्ते मे बेतरतीब से उगे झाडी-झंखाड साफ करने लगे। मजे कि बात यह है कि चौकी प्रभारी तकरीबन पन्द्रह मिनट तक कुदाल चलाते रहे है लेकिन इस दरम्यान कोई गांव वाले उनका हाथ बटाने नही पहुंचा। चौकी प्रभारी के अपने जिम्मेदारी के प्रति यह निष्ठा देख विशुनपुरा बीडीओ सुशील कुमार सिंह सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारी व पुलिस अधिकारियों के लिए यह कहना मुनासिब होगा ” अरे नामवरो यह नजीर है नजारा नही।”

 

गौरतलब है कि कार्तिक शुक्ल पक्ष चतुर्थी अर्थात मंगलवार को ‘नहाये-खाये के साथ सूर्योपासना का महापर्व सूर्य षष्ठी व्रत (छठ) प्रारंभ हो गया है । बुधवार को खरना, गुरुवार को सूर्यदेव को सायंकालीन अर्घ्य तथा  शुक्रवार को प्रात:कालीन अर्घ्य देने के साथ ही व्रत-पर्व संपन्न होगा। लोक आस्था व भगवान सूर्य की आराधना का महापर्व छठ  विधि-विधान पूर्वक पूजा- अर्चना के बाद  8 नवम्बर को व्रती मॉओ द्वारा उगते हुए भगवान भास्कर को अध्य देने के बाद पूर्णाहुति की जायेगी।

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