हास-परिहास

हास-परिहास : सप्ताह की प्रमुख ख़बरों पर व्यंग्यकार की चुटकी

ओम  वर्मा   

हाथरस के एक प्राइवेट स्कूल में प्रबंधक ने दो शिक्षकों के साथ मिलकर स्कूल की ‘तरक्की’ के लिए एक 11 वर्षीय बच्चे की बलि  दे दी।

जहाँ सिखाना चाहिए, तजें अंधविश्वास।  

ज्ञान छोड़ वे हो गए, तंत्र-मंत्र के दास॥ 

हरियाणा में एक चुनावी रैली में राहुल गांधी ने राम-मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को नाच-गाना बताया। आरोप लगाया कि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में अडाणी, अंबानी और अमिताभ बच्चन को बुलाया गया, किसी मजदूर व आदिवासी होने के कारण राष्ट्रपति को नहीं बुलाया गया। अयोध्या के संत समाज ने इस पर तीव्र आपत्ति जताई।

मंदिर पर फिर छेड़ दी, राहुल ने तकरार। 

मार कुल्हाड़ी पैर पर, करते स्वयं  प्रहार॥

इजरायल के आक्रमण में लेबनान में फलस्तीनी संगठनों के चार नेता मारे गए। सैन्य समूह हिज़बुल्लाह ने कहा कि इससे उनका हौसला कम नहीं हुआ है और वे मुक़ाबले के लिए तैयार हैं।

अपनी अपनी बात पर, अड़े हुए दो देश।  

सज़ा भुगतती है प्रजा, करते ऐश नरेश॥ 

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मंदिर हों या दरगाह, उनका निर्माण सड़क पर नहीं किया जा सकता। कोर्ट पहले ही कह चुका है कि यातायात में बाधक बनने वाले धार्मिक स्थलों को हटाया जाए।

बीच सड़क पर हों बने, मंदिर या दरगाह।  

उन्हें हटाना चाहिए, बिना  किए  दरगाह॥ 

कर्नाटक सीएम सिद्धरमैया पर ज़मीन घोटाले को लेकर उनकी पत्नी, साले, व विक्रेता सहित सभी पर लोकायुक्त व बाद में ईडी में प्रकरण दर्ज़। पत्नी को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से 14 बड़े भूखण्ड अवैध रूप से दिलाए जाने का आरोप। पत्नी सभी भूखण्ड लौटाने को तैयार।

हड़पे चौदह प्लॉट  थे, औने-पौने  दाम।

लौटाने से यह लगे, सही लगा इल्ज़ाम॥   

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