मैं राम वंशी हूं, पुस्तक पर हुई जबरदस्त चर्चा
हर व्यक्ति रामवंशी है – मनोज सिंह
बलराम मौर्य/ बालजी दैनिक
अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में दिल्ली की साहित्यिक, सांस्कृतिक संस्था ‘कस्तूरी‘ और अमर शहीद संत कँवरराम साहिब सिंधी अध्ययन केंद्र, अयोध्या के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अवकाश प्राप्त अधिकारी मनोज सिंह द्वारा लिखे गए उपन्यास ‘मैं रामवंशी हूं‘ पर सृजनात्मक, सकारात्मक और अकादमिक चर्चा हुई। श्री सिंह ने बताया कि इस पुस्तक को लिखने की प्रेरणा उन्हें सिंधु दर्शन यात्रा के दौरान हुई। श्री मनोज ने कहा कि सूर्पनखाओं की संख्या बढ़ गई है इसलिए सभी को रामवंशी होना ही पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि हर व्यक्ति रामवंशी है, इस भाव को मन मे रखकर यह पुस्तक उन्होंने लिखी नहीं बल्कि राम के प्रभाव ने उनसे लिखवा ली है। मुख्य वक्ता साहित्यकार विजय रंजन ने संवाद शैली में लिखी इस पुस्तक को संस्कार कथा कहते हुए उपन्यास विधा में इसे नवीन प्रयोग बताया। श्रीरंजन ने इसे एक ओर तुलसी की शैली तो कहा किंतु अनुकरण मानने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि पुस्तक में रामकथा से विचलन अत्यंत प्रशंसनीय है। विदुषी डॉ0 शोभा सत्यदेव ने इसे प्रबंधात्मक आख्यान और राम कथा का संदर्भ ग्रंथ कहा, क्योंकि सभी कथा प्रसंगों का प्रमाण संदर्भ देकर प्रस्तुत करना इस पुस्तक का वैशिष्ट्य है। हिंदी विद्वान प्रो. सत्य प्रकाश त्रिपाठी ने भी इसे उपन्यास से अधिक समकालीन संदर्भों में रामकथा की प्रामाणिक संस्कार कथा कहना अधिक उपयुक्त समझा। श्री त्रिपाठी ने इस पुस्तक में पाया कि रामवंशी नामक चरित्र लव जिहाद, धर्म परिवर्तन और आतंकवाद के खिलाफ संघर्षरत है। सिंधी अध्ययन केंद्र के मानद निदेशक प्रो0 अनूप कुमार ने मनोज सिंह को राम के गुणों को नये संदर्भों में जन-जन तक पहुंचाने के लिए साधुवाद दिया। साकेत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ दानपति त्रिपाठी ने पुस्तक की शैली की सराहना करते हुए कहा कि यह कथा नहीं अपितु गंभीर गवेषणात्मक उत्कृष्ट शोधग्रंथ है। साकेत महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष दीपक कृष्ण वर्मा अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि बिना शिव के राम प्राप्त नहीं हो सकते। सिंधी अध्ययन केंद्र के सलाहकार ज्ञान प्रकाश टेकचंदानी ‘सरल‘ ने इस अवसर पर स्मरण कराया कि श्रीराम के पुत्रों लव कुश को पश्चिमोत्तर भारत का साम्राज्य दिया गया था।जिसके अंतर्गत वृहत्तर सिंध प्रदेश था। सिंधी समाज अपने को लव का वंशज लोहणा राजपूत वंश का कहता है। चूंकि उनके पूर्वज सिंध से आये सिंधी हैं,लोहाणा हैं। इसलिए वे सच्चे रामवंशी हैं। इससे पहले लाडली भारद्वाज ने ‘राम भक्तों तुम्हें अयोध्या बुला रही है‘ गाकर सभी को आह्लादित किया। इस चर्चा कार्यक्रम में साकेत महाविद्यालय के अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ0 असीम त्रिपाठी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन कस्तूरी-संस्था के सचिव विशाल पांडेय द्वारा किया गया। इस अवसर पर शिक्षक एवं गणमान्य उपस्थित रहे।