कर्नलगंज क्षेत्र में हरे भरे प्रतिबंधित पेड़ों की अवैध कटान जोरों पर,जिम्मेदार मौन

वन विभाग से 50 पेड़ काटने की परमिट लेकर उससे अधिक काट लिए गए पेंड़
अनिल कुमार द्विवेदी
बी न्यूज दैनिक
गोंडा। तहसील व कोतवाली कर्नलगंज क्षेत्र में हरे भरे पेड़ों की अवैध कटान बड़े पैमाने पर हो रही है,कहीं आम के पेड़ों पर ठेकेदारों की मशीन चल रही है,तो कहीं सागौन के पेड़ काटे जा रहे हैं। वन कर्मियों की मिलीभगत से ठेकेदारों की मौज हो रही है। लकड़ी के ठेकेदार गली-मोहल्लों में पैदा हो गए हैं और आम,शीशम,गूलर व सागौन के साथ ही अन्य प्रतिबंधित प्रजातियों के पेड़ों को काटकर अपनी तिजोरियां भर रहे हैं। बता दें कि यह ठेकेदार मात्र कुछ पेड़ों की अनुमति लेकर वन विभाग की मिलीभगत से कई गुने अधिक पेड़ काट लेते हैं। ठेकेदार अनुमति से अधिक जितने पेड़ काटने के साथ-साथ जेसीबी की मदद से उनकी जड़े भी निकाल देते हैं,जिससे की प्रमाण ही न रहे। जिम्मेदार प्रशासन व विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों की निरंकुश कार्यशैली के चलते वन माफियाओं के हौंसले काफी बुलंद हैं।
इसी क्रम में ताजा मामला कोतवाली कर्नलगंज क्षेत्र के ग्राम बसेहिया का सामने आया है,जहां वन विभाग से 50 पेड़ काटने की परमिट लेकर उससे अधिक पेड़ काट लिए गए। जबकि दिखाने के लिए परमिट मिलने के बाद निशान लगे पेड़ बाग में कटने के इंतजार में हैं। फिलहाल वन विभाग के दरोगा ने मामले की जांचकर कार्यवाही करने की बात कही है।
मिली जानकारी के मुताबिक कोतवाली कर्नलगंज क्षेत्र के ग्राम बसेहिया स्थित एक बाग में करीब 200 से अधिक सागौन के पेड़ लगे हुए हैं। पेड़ काटने वाले एक व्यक्ति ने सभी पेड़ काटने के लिए खरीद रखा है मगर मात्र 50 पेड़ की परमिट बनवाई है। वन विभाग ने परमिट वाले पेड़ पर निशान लगा दिया, लेकिन शनिवार को लकड़ी के एक बड़े माफिया ने निशान लगे पेड़ ना काटकर अन्य दर्जनों पेड़ काटकर लकड़ी को उठा ले गए। इसकी सूचना रविवार को वन विभाग के अधिकारियों को ग्रामीणों ने गोपनीय तरीके से दिया। ग्रामीणों का कहना है कि लकड़ी बेचने व खरीदने वाले दबंग व्यक्ति हैं तथा सभी पेड़ काटने की फिराक में हैं। बताया जाता है कि इसके पूर्व भी पेड़ खरीदने वाला व्यक्ति कुछ पेड़ की परमिट बनवाकर करीब 50 से अधिक पेड़ काट चुका है। जिस पर वन विभाग ने जुर्माना व कार्रवाई भी की है। उसके बावजूद उसके हौसले बुलंद हैं। इस संबंध में वन दरोगा अशोक पाण्डेय का कहना है कि पेड़ काटे जाने की सूचना मिली है। 50 पेड़ काटने को परमिट जारी की गई थी। यदि अधिक पेड़ काटे गए हैं तो इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी। वहीं प्रभागीय वनाधिकारी गोंडा से दूरभाष के माध्यम से जानकारी करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन नेटवर्क क्षेत्र से बाहर था।